जिदा बताने के लिए बुजुर्ग कर रहे जिद्दोजहद
अपनों के साथ कोषागार पहुंच रहे बुजुर्ग पेंशनर जीवित प्रमाण पत्र जमा करने के लिए जुट रही भीड़।
सीतापुर : मुहल्ला शास्त्रीनगर निवासी बुजुर्ग जनकदुलारी खुद को जीवित बताने के लिए पोते के साथ कोषागार पहुंची। पोते ने दादी का फार्म भरा और काउंटर पर ले जाकर जीवित प्रमाण पत्र जमा कराया। उर्मिला ने भतीजे के साथ कोषागार पहुंचकर खुद के जीवित होने का सुबूत दिया। भतीजे ने उनका फार्म जमा कराया। मैं जिदा हूं.ये बताने के लिए पेंशनरों की भीड़ कोषागार में जमा हो रही है। प्रतिदिन दोपहर दो बजे तक पेंशनर जीवित प्रमाण पत्र जमा करने के लिए कोषागार में नजर आते हैं। चलने, बैठने व खड़े होने में दिक्कतों का सामना करने वाले बुजुर्ग भी कोषागार आ रहे हैं। खुद को जिदा बताने की जद्दोजहद कर रहे इन बुजुर्गों को अपनों का सहारा मिला है। अपनों के सहारे की लाठी, उन्हें कोषागार ला रही है। कोई बेटे के साथ, तो किसी को उनका पोता लेकर ट्रेजरी आ रहा है।
मददगार की भूमिका में सुरक्षाकर्मी
कोषागार में तैनात पुलिसकर्मी व होमगार्ड जीवित प्रमाण पत्र जमा करने कोषागार पहुंच रहे बुजुर्गों के मददगार बने हैं। प्रमाण पत्र किस काउंटर पर जमा करना है। आवेदन फार्म कैसे भरना है और हस्ताक्षर कहां करने हैं, ये सब जानकारियां देते हैं। बुजुर्गों को सहारा देकर काउंटर तक भी ले जाते हैं। शनिवार को सुरक्षाकर्मी संतोष तिवारी ने बुजुर्ग मंजू को काउंटर पर ले जाकर उनका प्रमाण पत्र जमा कराया।
पेंशन की टेंशन में लग रही दौड़
पेंशन बिना किसी बाधा के मिलती रहे, इसके लिए बुजुर्ग ट्रेजरी की दौड़ लगा रहे हैं। डाक विभाग की सेवाओं पर भरोसा कम ही जताया जा रहा है। बता दें कि, पेंशनरों की ट्रेजरी की दौड़ को कम करने के लिए डाक विभाग ने डिजिटल जीवित प्रमाण जमा करने की योजना शुरू की है। पेंशनर, खुद ट्रेजरी पहुंचकर प्रमाण पत्र जमा करने को अधिक प्राथमिकता दे रहे हैं।
पेंशनरों की सहूलियत कई काउंटर बनाए गए हैं। आसानी से प्रमाण पत्र जमा हो रहा है। डिजिटल प्रमाण पत्र भी मिल रहे हैं।
- जान्हवी मोहन, वरिष्ठ कोषाधिकारी