Move to Jagran APP

बर्बादी की कोख से आशियाने की छांव

सीतापुर: बेकाबू लहरों ने कभी कटान किया तो कभी बाढ़ जैसी विभीषिका का कहर बरपाया। खेत में खड़ी फसल प

By JagranEdited By: Published: Fri, 09 Nov 2018 10:51 PM (IST)Updated: Fri, 09 Nov 2018 10:51 PM (IST)
बर्बादी की कोख से आशियाने की छांव
बर्बादी की कोख से आशियाने की छांव

सीतापुर: बेकाबू लहरों ने कभी कटान किया तो कभी बाढ़ जैसी विभीषिका का कहर बरपाया। खेत में खड़ी फसल पानी में समाकर बर्बाद हुई, तो तटीय क्षेत्र के आशियाने तिनकों की तरह धार में बहते चले गए। सबकुछ बर्बाद होकर उसकी कोख में समा गया। कुछ वक्त पहले तक सबकुछ बर्बाद कर देने वाली घाघरा नदी की कोख ही अब बर्बाद हुए परिवारों को आशियाने का फूस उपलब्ध करा रही है।

loksabha election banner

जिले की बहराइच सीमा पर घाघरा नदी मौजूद है। तटीय इलाकों में कच्चे मकानों व झोपड़ियों की आबादी बसी है। बरसात में नदी का प्रलयकारी रूप लेकर कोनी, दुर्गापुरवा, रामलाल पुरवा, जैतहिया, नगीना पुरवा आदि गांवों के सैकड़ों आशियाने व खेतों में खड़ी फसलों को निगल लिया। नतीजा तटीय क्षेत्र के परिवार खाली हाथ होकर सड़क पर आ गए। इनके लिए एक वक्त का राशन जुटाना टेढ़ी खीर है, ऐसे में आशियाना बनाने भर का रुपया कहां से लाएंगे ? इन्हीं परिवारों के लिए घाघरा नदी की कोख अशियाने का खजाना बनी है। नदी का पानी घट चुका है, तमाम टापू निकल आए हैं। इन्हीं टापुओं पर कांस के फूस का जंगल उगा है। 10 से 15 फीट लंबा यह फूस तटीय क्षेत्र के बा¨शदों को खूब भा रहा है। लोग नावों से टापुओं पर पहुंच रहे हैं और फूस काटकर तट पर ला रहे हैं। कोनी गांव के रामकेवल, रामबिरेश, प्यारेलाल, संजय नाव पर फूस लादकर दुर्गापुरवा के निकट उतार रहे थे। उन्होंने बताया कि कोनी गांव में उनके आशियाने कटान में बह गए थे। अब परिवार सड़क पर हैं। ऐसे में छप्पर व टटिया के लिए टापू से फूस ला रहे हैं। टाप पर रामलाल पुरवा के कमलेश, राजू, निर्मलपुरवा के मुन्नी लाल आदि तमाम ग्रामीण नाव लेकर पहुंचे थे। ये सभी टापू से फूस काट नाव पर लादकर तट की तरफ रवाना हो रहे थे। हर कोई मायूस होकर टापू पर पहुंचता था, फूस देखते ही उनकी आंखों में चमक आ जाती थी।

बिकता भी है फूस

एक छप्पर में करीब दस पूला फूस लगता है। एक पूला 50 रुपये में बिकता है। बहुत से ग्रामीण टापू से फूस लाकर बेच भी रहे हैं। इससे उनकी आमदनी भी हो रही है। केवल सीतापुर ही नहीं, बल्कि बहराइच के लोग भी फूस खरीदने आ रहे हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.