गंगाधर शर्मा 23,329 मतों के अंतर से जीते थे पहला चुनाव
मिश्रिख सीट से सबसे अधिक पांच चुनाव जीतने का रिकार्ड अब तक राम रतन सिंह के नाम।
सीतापुर : मिश्रिख विधानसभा क्षेत्र में पहला चुनाव 1951 में हुआ था। उस दौर में विधानसभा क्षेत्र परगनावार दो भागों में विभाजित था। एक भाग में मछरेहटा तो दूसरे भाग में मिश्रिख क्षेत्र में परगना शामिल थे। इसमें मिश्रिख क्षेत्र से प्रथम विधायक गंगाधर शर्मा चुने गए थे। फिर दूसरे चुनाव में मिश्रिख विधानसभा सीट सुरक्षित हो गई। फिर 1962 से 2007 यह सीट सामान्य रही। लेकिन, महोली विधानसभा सीट के सृजन के बाद 2012 से मिश्रिख सीट फिर सुरक्षित है। मिश्रिख सीट पर दूसरा चुनाव 1957 में हुआ तो डा. अवधेश कुमार विधायक बने। इस तरह शुरू से अब तक मिश्रिख विधानसभा क्षेत्र में कुल 19 चुनाव हुए हैं। 2008 में संसदीय और विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन आदेश पारित हुआ तो निर्वाचन क्षेत्र को पहचान संख्या 153 मिली।
मिश्रिख सुरक्षित सीट से अब तक के रिकार्ड मतों जीतने वाले विधायक रामकृष्ण भार्गव ही हैं। इन्होंने 2007 के चुनाव में सर्वाधिक मतों से विजेता बनने वाले अनूप कुमार गुप्ता के रिकार्ड को तोड़ा। दिलचस्प ये भी है कि मिश्रिख सीट से महिला को विधायक बनने का गौरव अब तक प्राप्त नहीं हुआ है। मिश्रिख सीट से राम रतन सिंह ने लगातार चार चुनाव जीते हैं। 1989 के चुनाव में ओम प्रकाश गुप्ता ने ताल ठोंक दी। गुप्ता ने कांग्रेस के उम्मीदवार राम रतन सिंह को लगातार पांचवीं बार विधायक बनने से रोक लिया।
ओम प्रकाश गुप्ता 18,052 मतों के अंतर से राम रतन सिंह को हराकर विजेता बने और वह पहली बार विधानसभा पहुंचे थे। फिर 1991 के चुनाव में राम रतन सिंह कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े और विजेता बने। इसके बाद राम रतन सिंह चुनाव लड़े, लेकिन वह विधायक नहीं बन पाए। फिर 1993 से 2002 तक के तीन चुनाव लगातार ओम प्रकाश गुप्ता ने जीते। इसके बाद उन्होंने 2007 के चुनाव में अपने बेटे अनूप कुमार गुप्ता को मैदान में उतारा। अनूप ने 3,141 मतों के अंतर से बसपा उम्मीदवार रहे गया प्रसाद को हराया और वह पहली बार विधायक बने।
फिर मिश्रिख सीट सुरक्षित हुई और महोली सीट का सृजन हुआ। 2012 के चुनाव में रामपाल राजवंशी समाजवादी पार्टी से मैदान में उतरे और पहली बार विधायक बने। 2017 के चुनाव में भाजपा ने पहली बार मिश्रिख सीट पर अपना झंडा बुलंद किया और राम कृष्ण भार्गव विधायक बने। 2017 के चुनाव में भाजपा के टिकट पर रामकृष्ण भार्गव ने 20,672 मतों के अंतर से बसपा के मनीष कुमार रावत को हराया और विधायक बने। रामकृष्ण भार्गव को 86,403 मत और मनीष कुमार रावत 65,731 वोट मिले थे।
सबसे ज्यादा कांग्रेस व सपा ने जीते चुनाव :
कांग्रेस ने आठ और समाजवादी पार्टी ने लगातार पांच चुनाव जीते हैं। तीन चुनाव निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीते हैं। संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी (एसएसपी), सोशलिस्ट पार्टी (इंडिया) व भाजपा ने एक-एक चुनाव जीता है।
मिश्रिख विस क्षेत्र के विजेता
वर्ष - विजेता - प्राप्त मत
1951 - गंगाधर शर्मा - 29,668
1957 - डा. अवधेश कुमार - 33,337
1962 - डा. अवधेश कुमार - 16,221
1967 - आर बहादुर - 16,419
1969 - डा. अवधेश कुमार - 22,500
1974 - राम रतन सिंह - 26,669
1977 - राम रतन सिंह - 22,065
1980 - राम रतन सिंह - 27,738
1985 - राम रतन सिंह - 40,414
1989 - ओम प्रकाश गुप्ता - 49,602
1991 - राम रतन सिंह - 27,346
1993 - ओम प्रकाश गुप्ता - 54,922
1996 - ओम प्रकाश गुप्ता - 52,285
2002 - ओम प्रकाश गुप्ता - 53,990
2007 - अनूप कुमार गुप्ता - 62,256
2012 - रामपाल राजवंशी - 61,346
2017 - रामकृष्ण भार्गव - 86,403