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Sitapur: नैमिषारण्य तीर्थ विकास परिषद का गठन, अब सभी धार्मिक स्थलों पर पर्यटकों को मिलेंगी खास सुविधाएं

उत्तर प्रदेश सरकार के नगर विकास और ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने यहां लोकभवन में पत्रकारों को बताया कि मंत्रिमंडल की बैठक में श्री नैमिषारण्य धाम तीर्थ विकास परिषद के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी है।

By Vrinda SrivastavaEdited By: Published: Fri, 25 Nov 2022 07:09 PM (IST)Updated: Fri, 25 Nov 2022 07:09 PM (IST)
Sitapur: नैमिषारण्य तीर्थ विकास परिषद का गठन, अब सभी धार्मिक स्थलों पर पर्यटकों को मिलेंगी खास सुविधाएं
नैमिषारण्य तीर्थ विकास परिषद का हुआ गठन।

सीतापुर, संवाद सूत्र। उत्तर प्रदेश में ‘श्री नैमिषारण्य धाम तीर्थ विकास परिषद’ के गठन के प्रस्ताव को मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को मंजूरी दी। नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने राज्य सरकार की तरफ से नैमिषारण्य तीर्थ विकास परिषद के गठन की घोषणा कर दी है। तीर्थ विकास परिषद के गठन से अब वह सब कुछ संभव हो सकेगा, जिसका अभी तक पौराणिक धर्म नगरी को इंतजार था। नैमिष के समग्र विकास से देश-विदेश के श्रद्धालुओं का केवल आवागमन ही नहीं बढ़ेगा बल्कि, रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे। धार्मिक स्थलों पर साफ-सफाई, सुरक्षा, पेयजल, प्रकाश व्यवस्था आदि तरह के व्यवस्थाएं और बेहतर होंगी। यही नहीं आदि गंगा गोमती की स्वच्छता के कार्य कराने के साथ ही घाटों का सुंदरीकरण कराया जाएगा।

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नीतियां बनाना भी होगा आसान : नैमिषारण्य विरासत के क्षेत्रों के समग्र विकास होने से सांस्कृतिक, पारिस्थितिकीय और स्थापत्य संबंधी सौंदर्यबोध के गुणों को परिलक्षित, विकसित और अनुरक्षित करने के लिए योजना बनाना आसान होगा। योजनाओं के समन्वय एवं क्रियान्वयन में क्षेत्र के एकीकृत पर्यटन विकास और विरासत के संरक्षण-प्रबंध के लिए समन्वित नीतियां बनेंगी।

नैमिष के महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल : मां ललिता देवी मंदिर, चक्रतीर्थ, हनुमान गढ़ी, व्यास गद्दी, भूतेश्वर नाथ मंदिर, सूतगद्दी, पंचमुखी हनुमान मंदिर, देव देवेश्वर मंदिर, रुद्रावर्त, महर्षि दधीच कुंड, सीताकुंड, कैलाश आश्रम मंदिर।

सभी 11 पड़ाव स्थलों पर सृजित होंगे इंतजाम : 84 कोसी परिक्रमा का प्रथम पड़ाव कोरौना है। इसी तरह जरिगवां, नैमिषारण्य, देवगवां, मड़रुवा, कोल्हुआ बरेठी, मिश्रिख यह कुल सात पड़ाव सीतापुर जिले में हैं, जबकि चार अन्य पड़ाव हरदोई जिले में आते हैं। इनमें हरैया, नगवा कोथावां, गिरधर उमरारी, साक्षी गोपालपुर पड़ाव हैं। इन पड़ावों की परिक्रमा के बाद श्रद्धालु मिश्रिख में पंच कोसी परिक्रमा करते हैं। यह परिक्रमा मिश्रिख के उत्तर में जसरथपुर, दक्षिण में परसौली, पूरब में नरायनपुर और पश्चिम दिशा में स्थित सीमा परिक्रमा मार्ग से होकर निकलती है।

इन गांवों के भी बहुरेंगे दिन : अरबापुर, सहसियामऊ, ठाकुरनगर, लकड़ियामऊ, भिठौली, नर सिधौली, मधवापुर, नरायनपुर, परसौली, संजराबाद, घरवांस पारा कलां, घरवांस पारा खुर्द, मिश्रिख, सरायं बीबी, जसरथपुर, करमसेपुर, लश्करपुर, रूपपुर, उत्तरधौना, खरगपुर, कल्ली, लाेकनापुर, करखिला, मरेली, तरसावां, लोहंगपुर, बिजानग्रंट, बिनौरा, भानपुर, अटवा, मनिकापुर, लेखनापुर, लक्षिमन नगर, नैमिषारण्य, भैरमपुर, अजीजपुर।


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