इलेक्ट्रिक झालर कारोबार को दीपावली में रोशन होने की उम्मीद
कोरोना काल में चायनीज के स्थान पर देशी झालरों की बढ़ेगी मांग।
सीतापुर: समय के साथ साथ त्योहारों के मनाने का भी तरीका बदल गया है। दीपावली में भी मिट्टी के दियों के साथ साथ इलेक्ट्रिक झालरों की भी खासी डिमांड रहती है। इस कारोबार से जुड़े व्यापारी अभी से तैयारी में जुटे हुए हैं। दीपावली में परंपरागत दीपों के साथ साथ जब इलेक्ट्रिक झालरें घर की बालकनी में रोशन होती हैं तो आकर्षण बढ़ जाता है। लोग घरों को आकर्षक बनाने के लिए बहुत पहले से ही तैयारी में लग जाते हैं। यह तैयारियां व्यापारी व ग्राहक दोनों पक्ष से होती हैं। व्यापारी ज्यादा से ज्यादा आकर्षक झालरें बनाता है जिससे ग्राहक खूब जुटें। सामान्यजन अपने बजट को संतुलित करते हुए खरीदारी की तैयारी करता है। यह क्रम इसबार भी शुरू हुआ है लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण कुछ गति धीमी है। फिर भी इस कारोबार से जुड़े व्यापारी इस उम्मीद के साथ तैयारी में जुटे हैं कि शायद इस दीपावली में उनका कारोबार पहले की तरह ही रोशन हो जाए। जिससे पिछले सात माह कोरोना काल की निराशा है वह छंट जाए।
चायनीज झालरों की होगी कमी
बीते कुछ सालों से चायनीज झालरों की मांग ज्यादा होने लगी थी। क्योंकि यह सस्ती और आकर्षक ज्यादा होती थी। चीन से माल न आने के कारण यह झालरें कम ही नजर आएंगी। जिनके पास पुरानी हैं वही बिकेंगी।
नवंबर में सुधार की उम्मीद
इलेक्ट्रॉनिक झालरों के विक्रेता अरुणेश बाजपेई का कहना है कोरोना के कारण सात माह की सुस्ती रही है। लोगों का कारोबार आदि में घाटा हुआ है। इसमें एकदम से सुधार नहीं होगा। नवंबर माह से हालात सुधरने की उम्मीद है।
देशी झालरों की कर रहे तैयारी
व्यापारी पंकज जायसवाल का कहना है अब देशी झालरों की मांग बढ़ेगी। इसलिए अभी से ही देशी झालर बनानी शुरू कर दी है। इसबार इन चायनीज झालरों की कमी को यह देशी लाइट पूरा करेंगी। दीपावली में झालरों के साथ साथ अन्य कई प्रकार की आकर्षक लाइटें मंगाई हैं। जिनमें लेजर लाइट, कैंडल आदि हैं।