हर घर में बीमार, स्वच्छ पानी की दरकार
सीतापुर: गोंदलामऊ इलाके में बुखार से हुई मौतों को लेकर जिम्मेदार अपने-अपने गिरेबान को ब
सीतापुर: गोंदलामऊ इलाके में बुखार से हुई मौतों को लेकर जिम्मेदार अपने-अपने गिरेबान को बचाने में जुटे हुए हैं। यही वजह है कि मौतों को लेकर अलग- अलग दावे किए जा रहे हैं। इन्हीं सबके बीच तर्क दिया जा रहा है कि दूषित पानी की वजह से लोग बीमार हुए हैं। जिसको लेकर ग्रामीणों को स्वच्छ पानी उपलब्ध कराने को कहा गया है। बावजूद इसके ग्रामीणों को स्वच्छ पानी मिल पाना टेढ़ी खीर है।
हाल ही में जल निगम ने नटवल ग्रंट जमनापुर में चार ऐसे हैंडपंपों को चिन्हित किया था, जो दूषित पानी निकाल रहे थे। चिन्हींकरण के बाद जब हैंडपंपों के रिबोर का काम शुरू हुआ तो दो हैंडपंप ही रिबोर हो सके। हैंडपंप रिबोर हुए और पानी भी देने लगे। इन हैंडपंपों के पानी की सैंपल फिर से जांच के लिए भेजा गया है। अभी यह पता लगाना बाकी है, कि रिबोर के बाद इन हैंडपंपों से निकलने वाला पानी स्वच्छ है या दूषित यह पता चल पाना बाकी है। लेकिन गांव के बा¨शदें रिबोर हुए हैंडपंपों का पानी इस्तेमाल करने लगे है। इतना ही नहीं एक चिन्हित हैंडपंप जिसका रिबोर होना बाकी है, गांव के बा¨शदे उस हैंडपंप का पानी भी इस्तेमाल करने लगे हैं। गांव के लोगों ने बताया कि उनकी मजबूरी है, प्रशासन ने जिस टैंकर का प्रबंध किया है, वह टैंकर पानी लेकर दोपहर के बाद ही गांव में पहुंचता है। ऐसे में हैंडपंपों से जरूरत का पानी लेना उनकी मजबूरी है। जांच से पहले पानी का इस्तेमाल गलत
जिन हैंडपंपों का रिबोर किया गया है। जब तक उन हैंडपंपों के पानी की जांच रिपोर्ट नहीं आ जाती है। तब तक उनका पानी इस्तेमाल करना बेहद गलत है। जब तक यह न पता चल जाए की रिबोर के बाद हैंडपंप पीने योग्य स्वच्छ पानी दे रहे हैं। तब तक ऐसे हैंडपंप का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। वहीं जो हैंडपंप चिन्हित हुए हैं, उनका तो पानी बिल्कुल ही इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
पवन कुमार, जेई जलनिगम