'सेवारत' विभाग की श्रेणी में रखा गया नगर विकास
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सीतापुर : नगर पालिका एवं पंचायतों को कूड़ा डंपिग स्थल के लिए गांवों की जमीन मुफ्त में उपलब्ध कराने के संबंध में शासन ने पूर्व की व्यवस्था को बहाल कर दिया है। इस संबंध में प्रमुख सचिव नगरीय निकाय मनोज कुमार सिंह ने सात मार्च को संबंधित अधिकारियों को आदेश भी जारी किए हैं। कहा है, स्वच्छ भारत मिशन के तहत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए सेनेट्री लैंडफिल साईट के विकास के लिए नगर विकास विभाग को 'सेवारत' विभाग की श्रेणी में रखते हुए ग्राम समाज की जमीन निश्शुल्क उपलब्ध कराई जाएगी। ये शासनादेश पांच साल तक प्रभावी रहेगा। प्रमुख सचिव ने निकाय के पास अतिरिक्त व्यवस्था के लिए जमीन न होने का मुख्य कारण जनसंख्या वृद्धि, क्षेत्रफल में विस्तार, ग्रामीणों का शहर पलायन बताया है। डीएम ने की थी संस्तुति
पहले 17 जून 2011 के जारी शासनादेश में निकायों को ग्राम समाज की जमीन निश्शुल्क पाने की व्यवस्था थी पर, इसे 17 जून 2016 को एक नया शासनादेश जारी कर पूर्व की व्यवस्था को समाप्त किया गया था। जिसका प्रभाव था कि, नगर पालिका एवं नगर पंचायतों के वाणिज्यक विभाग होने के कारण उनके पक्ष में ग्राम सभा की भूमि का निश्शुल्क पुनर्ग्रहण नहीं हो पा रहा था। जिस पर डीएम ने 9 फरवरी 2018 को प्रमुख सचिव नगर विकास को पत्र भेजकर सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए निकायों को ग्राम सभा की जमीन निश्शुल्क उपलब्ध कराने के संबंध में संस्तुति की थी। सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के पूर्व से प्रस्तावित स्थल
तहसील - गांव - प्रस्तावित जमीन
सदर - क्लार्क नगर - 1.307 हेक्टेयर
मिश्रिख - पतौंजा - 10 हेक्टेयर
बिसवां - हथियागाजीपुर - 5 हेक्टेयर
महमूदाबाद - मुर्तजानगर - 2.083 हेक्टेयर