शेम-शेम.. बच्चे बाहर नहीं जाते इसलिए पैक कर दिए जूते
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सीतापुर : बच्चों के पास जूते हैं लेकिन, वे पैक रखे हैं। उन्हें पढ़ाई के समय बच्चों को नहीं दिया जाता। आंबेडकरनगर के एक्सीलेरेटेड कैंप में निरीक्षण के दौरान नोडल अधिकारी मिनिस्ती एस को इसकी जानकारी हुई तो उनका गुस्सा भड़क गया। उन्होंने इसका लॉजिक पूछा। इस पर बताया गया कि आवासीय विद्यालय है। बच्चे बाहर नहीं जाते। इस वजह से जूते नहीं दिए जाते। यह सुनकर तो आइएएस मिनिस्ती एस ने बीएसए की क्लास ही लगा दी। बोलीं, फिर तो बच्चों को यूनिफार्म भी नहीं दिया जाए। उसकी भी कोई जरूरत नहीं। उन्होंने कहा कि यह तो कॉमन सेंस की बात है। चलिए, ऐसी बेवकूफी दोबारा मत करो। उन्होंने कहा कि जो सरकार ने जो भी चीजें बच्चों के लिए दीं हैं, उन्हें मिलनी ही चाहिए। हालांकि आनन फानन वहां के स्टाफ ने जूते व ड्रेस सामने लाकर रखी। ड्रेस ऐसी थी, कि बच्चों ने एक बार भी पहनी नहीं थी। जबकि जूते थे, लेकिन मोजे गायब थे। इस पर नोडल अधिकारी ने नाराजगी जताई और कहा कि एक घंटे के अंदर जूते व मोजे उपलब्ध कराएं। अगला सवाल उन्होंने स्वेटर को लेकर किया। तब पता चला कि स्वेटर का अभी तक आर्डर ही नहीं हुआ। इस कदर अव्यवस्था देख नोडल अधिकारी बोलीं कि आप लोग गुमराह कर रहे हो। उन्होंने वहां मौजूद जिला समन्वयक प्रमोद गुप्ता को निलंबित करने की चेतावनी दी। बीएसए से शाम तक स्पष्टीकरण मांगा और व्यवस्था दुरुस्त करने को कहा।