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सीतापुर लोकसभा सीट पर लगातार तीन बार बसपा ने दर्ज की थी जीत, अब मिल रही शिकस्त; इन नामों पर अटकलें तेज

Lok Sabha Election 2024 संसदीय क्षेत्र में बहुजन समाज पार्टी की मजबूत जमीन रही है। वर्ष 1984 में स्थापना के बाद 1989 में पहली बार चुनाव मैदान में उतरी। 35 वर्षों में लगातार 15 वर्षों तक इस क्षेत्र का दिल्ली में प्रतिनिधित्व पार्टी के प्रत्याशियों ने किया है। इसके अलावा पार्टी प्रत्याशी तीन बार दूसरे दो बार तीसरे व एक बार चौथे स्थान पर रहे हैं।

By Badri vishal awasthi Edited By: Abhishek Pandey Published: Fri, 12 Apr 2024 03:24 PM (IST)Updated: Fri, 12 Apr 2024 03:24 PM (IST)
तीन बार जीत फिर भी ‘हाथी’ भयभीत

जगदीप शुक्ल, सीतापुर। संसदीय क्षेत्र में बहुजन समाज पार्टी की मजबूत जमीन रही है। वर्ष 1984 में स्थापना के बाद 1989 में पहली बार चुनाव मैदान में उतरी। 35 वर्षों में लगातार 15 वर्षों तक इस क्षेत्र का दिल्ली में प्रतिनिधित्व पार्टी के प्रत्याशियों ने किया है। इसके अलावा पार्टी प्रत्याशी तीन बार दूसरे, दो बार तीसरे व एक बार चौथे स्थान पर रहे हैं। इसके बावजूद इस बार के लोकसभा चुनाव के लिए अभी तक पार्टी की ओर से प्रत्याशी की घोषणा नहीं की जा सकी है।

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राजनीतिक जानकार इसको पार्टी की भविष्य को लेकर चिंता व जनाधार खोने के भय से जोड़कर देख रहे हैं। उनका मानना है कि शायद इसीलिए पार्टी नफा-नुकसान का आकलन करने के बाद प्रत्याशी घोषित करना चाहती है। बसपा के अब तक के प्रदर्शन का विश्लेषण करती सीतापुर से जगदीप शुक्ल की रिपोर्ट...

पहले चुनाव में ही दिखी मजबूती

बसपा ने यहां से पहला चुनाव 1989 में लड़ा। इस चुनाव में पार्टी प्रत्याशी सैय्यद नसीर अहमद 116680 मत पाकर तीसरे स्थान पर रहे। कांग्रेस की राजेंद्र कुमारी वाजपेयी 156906 मत पाकर विजेता रहीं और जनता दल के शिव सेवक 147748 मतों के साथ दूसरे स्थान पर रहे।

इसके बाद 1991 के चुनाव में पार्टी के मतों में कमी आई और अजीज खां 35670 मत ही पा सके। उन्हें चौथे स्थान पर संतोष करना पड़ा। 1996 में प्रदर्शन सुधरा और चौथे से तीसरे स्थान पर पार्टी फिर पहुंच गई। इस चुनाव में प्रेमनाथ वर्मा को 117791 मत मिले।

जीती तो कभी मुख्य मुकाबले में रही बसपा

1998 से पार्टी का प्रदर्शन सुधरा है। इसके बाद पार्टी प्रत्याशियों ने जहां तीन बार जीत हासिल की वहीं तीन बार मुख्य मुकाबले में रहे। 1998 में प्रेमनाथ वर्मा 188954 मत पाकर दूसरे स्थान पर रहे। इसके बाद 1999 व 2004 में पार्टी के राजेश वर्मा व 2009 में कैसर जहां ने संसद में क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। 2014 में कैसर जहां और 2019 में नकुल दुबे दूसरे स्थान पर रहे।

पार्टी के टिकट के लिए सात लोगों ने दावेदारी की है। दावेदारों में दो मुस्लिम, दो कुर्मी, दो यादव और एक रावत बिरादरी से हैं। नेतृत्व की ओर से जल्द प्रत्याशी की घोषणा की जाएगी। कार्यकर्ता चुनाव के लिए पूरी तरह तैयार हैं।

-विकास राजवंशी, जिलाध्यक्ष, बसपा।

बसपा के प्रदर्शन में यूं आया उतार-चढ़ाव

वर्ष- प्रत्याशी

1989-सैय्यद नसीर अहमद-116680

1991-अजीज खां-35670

1996-प्रेम नाथ वर्मा-117791

1998-प्रेमनाथ वर्मा-188954

1999-राजेश वर्मा-211120

2004-राजेश वर्मा-171733

2009-कैसर जहां-241106

2014-कैसर जहां-366519

2019-नकुल दुबे-413695

फैक्ट फाइल

कुल मतदाता -1747932

महिला -818167

पुरुष - 929,689

अन्य-76

युवा - 839531

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