रुपहले पर्दे पर छाने को तैयार सीतापुर का लाल
इरफान गाजी, सीतापुर: वैसे तो वह इंजीनियर था, लेकिन उसमें जुनून तो अभिनय का है। वह तमाम मौकों पर अ
इरफान गाजी, सीतापुर:
वैसे तो वह इंजीनियर था, लेकिन उसमें जुनून तो अभिनय का है। वह तमाम मौकों पर अपनी अभिनय क्षमता का लोहा मनवा चुका है। हाल ही में उसकी स्टेटिक शार्ट मूवी सुर्खियों में है। इस शार्ट मूवी को दादा साहेब फाल्के इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल अवार्ड 2019 के लिए नामित किया गया है। हम बात कर रहे हैं सीतापुर शहर के मोहल्ला कोट निवासी रोमिल शुक्ला की। रोमिल ने मैकेनिकल से बी-टेक किया। जॉब तलाशी। नौकरी भी मिल गई, लेकिन मन नहीं लगा। भीतर का हीरो उन्हें कुछ अलग करने के लिए कचोटता रहा। आखिर में उन्होंने अपनी मंशा पिता दिनेश शुक्ला व गृहणी मां नीलम शुक्ला से साझा की। बेटे की चाहत देख माता-पिता ने भी हामी भर दी। रोमिल ने दिल्ली में अस्मिता थियेटर में अर¨वद गौर की देखरेख में ए¨क्टग सीखी। वहां नुक्कड़ नाटक से शुरुआत की। बीच में इंडियाज गॉट टैलेंट, कामेडी सर्कस और कुछ भी करेगा में काम किया। शार्ट फिल्म स्टेटिक में उन्होंने एक स्वाभिमानी व्यापारी का किरदार निभाया। अब रोमिल फिल्मों में काम करना चाहते हैं।
नुक्कड़ नाटक..
अमूमन महिलाओं खासकर लड़कियों की सुरक्षा, सामाजिक स्तर बढ़ाने और उनको खुलेमन से जीने का सबक देने वाले कार्यक्रम कर रोमिल समाज को बेहतर संदेश नुक्कड़ नाटक के जरिए देते हैं। वह करीब 500 नुक्कड़ नाटक कर चुके हैं। उनका दस्तक नाम से चल रहा नुक्कड़ नाटक कार्यक्रम दिल्ली में खूब सराहा जा रहा है।