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एंबुलेंस का चक्का जाम, भटके रोगी-तीमारदार

जिला महिला अस्पताल में ई-रिक्शा आटो रोगियों को लेकर आते-जाते रहे जिम्मेदार पहुंचे नहीं बनी बात

By JagranEdited By: Published: Tue, 27 Jul 2021 12:36 AM (IST)Updated: Tue, 27 Jul 2021 12:36 AM (IST)
एंबुलेंस का चक्का जाम, भटके रोगी-तीमारदार

सीतापुर : एंबुलेंस कर्मियों ने सोमवार को चक्का जाम कर दिया। 77 एंबुलेंस लाकर आरएमपी इंटर कालेज में लाइन से खड़ी कर दीं। यहीं पर चार एएलएस (एडवांस लाइफ सपोर्ट) एंबुलेंस भी लाकर खड़ी रखी। एक एंबुलेंस पर यूनियन का बैनर लगाकर पूरे दिन कर्मी सिस्टम के विरुद्ध आवाज बुलंद करते रहे। इस अव्यवस्था का सीधा असर रोगियों-तीमारदारों पर देखने को मिला। जरूरतमंद एंबुलेंस के लिए 102 व 108 पर फोन करते रहे, लेकिन उन्हें एंबुलेंस नहीं मिल पाई। कोई ई-रिक्शा, आटो तो कोई अन्य निजी साधनों से रोगी को लेकर अस्पताल पहुंचे। रेफर होने वाले रोगियों को भारी मुसीबत उठानी पड़ी। दोपहर को मौके पर एसडीएम सदर अमित भट्ट व सीओ सिटी पीयूष कुमार सिंह पहुंचे थे। कर्मियों से एंबुलेंस की चाबी मांग रहे थे। कर्मियों ने अधिकारियों को चाबी नहीं दी। कुछ देर बाद ये लोग बैरंग लौट गए। फिर कर्मी प्रदर्शन करते रहे।

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हड़ताल में एंबुलेंस

77 एंबुलेंस आरएमपी इंटर कालेज में कतारबद्ध खड़ी रहीं।

12 एंबुलेंस खराब हैं, वे निश्चित प्वाइंट पर खड़ी हैं।

01 एंबुलेंस मछरेहटा सीएचसी में डीजल के अभाव में खड़ी है।

07 एंबुलेंस इमरजेंसी में चालू रहीं।

हड़ताल से पहले रविवार को एंबुलेंस सेवा

250 रोगियों को 102 एंबुलेंस अस्पताल लाई थी।

140 रोगियों को 108 एंबुलेंस अस्पताल लाई थी।

नौ किमी दूरी के 230 रुपये भाड़े पर राजी हुआ ई-रिक्शा

जिला अस्पताल में तीन दिनों से भर्ती अनूप को सोमवार को डाक्टरों ने छुट्टी दे दी। पिता ओम प्रकाश और बहनोई अंकुर अनूप को घर ले जाने को एंबुलेंस के चक्कर में 108 पर काल कर रहे थे। फोन बार-बार कट जा रहा था। परेशान ओम प्रकाश ने 230 रुपये भाड़े पर ई-रिक्शा बुक किया। फिर अनूप को स्ट्रेचर पर लाकर ई-रिक्शा पर बैठाया। ओम प्रकाश खैराबाद सरांय यूसुफ मुहल्ले के रहने वाले हैं। यह अस्पताल से करीब नौ किमी दूर है।

आटो और ई-रिक्शा से अस्पताल लाए गए रोगी

केस एक : 11.29 बजे मधवापुर चंदनपुरवा से परिवारजन बुजुर्ग रामकली को ई-रिक्शा से जिला अस्पताल लाए थे। रामकली रविवार को गिर गई थी। इनके पैर में फ्रैक्चर हो गया है। परिवारजन ने बताया, एंबुलेंस के 108 पर कई बार काल की, पर फोन बार-बार कट जा रहा था। इसलिए ई-रिक्शा पर ही बुजुर्ग मां को अस्पताल ले आए।

केस दो : तालगांव के मिरकल्ली पुरवा से बुजुर्ग मां रसूला को उनकी बहू व बेटे ई-रिक्शा से जिला अस्पताल लाए थे। बहू-बेटे ने बताया, उनकी मां को हार्ट में दिक्कत है। सांस भी फूल रही है। एंबुलेंस के लिए 108 पर काल की थी, पर उधर से जवाब मिला था कि एंबुलेंस कर्मी हड़ताल पर हैं।

केस तीन : लहरपुर में सआदतनगर के गयासुद्दीन भाभी रुकना को प्रसव के लिए जिला महिला अस्पताल लाए थे। बताया, 102 एंबुलेंस पर काल की थी, पर उधर से दिक्कत बताई गई तो वह निजी साधन से भाभी को अस्पताल लाया है।


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