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हकीकत से 60 प्रतिशत अधिक ओडीएफ रिपोर्टिंग

सीतापुर : स्वच्छ भारत मिशन की प्रगति में 50-60 प्रतिशत अधिक रिपोर्टिंग हो रही है, जबकि मौके

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Sep 2018 11:04 PM (IST)Updated: Tue, 18 Sep 2018 11:04 PM (IST)
हकीकत से 60 प्रतिशत अधिक ओडीएफ रिपोर्टिंग

सीतापुर : स्वच्छ भारत मिशन की प्रगति में 50-60 प्रतिशत अधिक रिपोर्टिंग हो रही है, जबकि मौके पर कार्य कम है। ये खुलासा मुख्य सचिव की समीक्षा में हुआ। आयुक्त अनिल गर्ग ने 14 सितंबर को पत्र के जरिए डीएम से कहा है कि स्वच्छ भारत मिशन की खराब स्थिति के लिए उत्तरदायित्व तयकर कार्रवाई करें। डीपीआरओ बताते हैं कि चालू वर्ष में 3.23 लाख लाभार्थियों के शौचालय बनाने में 300 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। अब 100 करोड़ रुपये की और डिमांड भेजी है।

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1010 गांव हो गए ओडीएफ

डीपीआरओ कार्यालय के आंकड़े बताते हैं कि जिले के कुल 1601 गांवों में से 1010 गांव ओडीएफ हो गए हैं। जिला स्तर पर घोषित इन ओडीएफ गांवों में से मंडल स्तर पर 124 सत्यापित हुए हैं। प्रगति के कुल आंकड़े

जिले में परिवार-5,75,043

ऐसे परिवार जिनक शौचालय बनने हैं- 4,66,920

अब तक बने शौचालय- 4,44,498

वर्तमान में बनाना बाकी-22,422

साल-दर-साल बने शौचालय के आंकड़े

वित्तीय वर्ष - बने शौचालय

2013-14 - 1210

2014-15 - 21587

2015-16 - 14421

2016-17 - 20361

2017-18 - 63160

2018-19 - 323759 रविवार तक की प्रगति

ओडीएफ ग्रामों की प्रगति- 56.85 प्रतिशत

लक्ष्य प्राप्ति हेतु दैनिक लक्ष्य-1898

आइईसी मद में अनुमन्य लक्ष्य- 15.91 करोड़

आइईसी मद में खर्च- 7.13 प्रतिशत

जियो टै¨गग को लक्षित शौचालय- 3,22,002

जियो टै¨गग- 45.60 प्रतिशत

कंपोजिट स्कोर- 56.34 प्रतिशत

सूबे में जिले की रैंक-34 स्वेच्छाग्राहियों पर एक नजर

जिले में नियुक्त स्वेच्छाग्राही-1601

प्रत्येक को गांव में 5 दिन ट्रिग¨रग पर- 200 रुपये प्रतिदिन

गांव ओडीएफ हो ने पर- 75 रुपये प्रति शौचालय

अब तक स्वेच्छाग्राहियों को भुगतान-34 लाख रुपये वर्जन--

क्यूसीआइ (क्वालिटी कंट्रोल ऑफ इंडिया) की टीम गांवों में शौचालयों का सत्यापन कर रही है। इस टीम ने जो आंकड़े शासन में प्रेषित किए हैं, वे हकीकत से परे हैं। गलत अर्थों में सत्यापन किया जा रहा है। हरगांव के हैदरपुर में सभी घरों में शौचालय हैं, 2016-17 में ये गांव समग्र ग्राम में घोषित था, फिर इस गांव में थर्ड पार्टी की रिपोर्टिंग में काफी भेदभाव किया गया है।

- तुलसीराम, डीपीआरओ


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