Move to Jagran APP

बदइंतजामी के बीच आस्था की 'परीक्षा'

सीतापुर : ¨हदू धर्मग्रंथों में अष्टम बैकुंठ के रूप में प्रतिष्ठित नैमिषारण्य तीर्थ की प्राचीन 84 क

By JagranEdited By: Published: Mon, 29 Jan 2018 09:48 PM (IST)Updated: Mon, 29 Jan 2018 09:48 PM (IST)
बदइंतजामी के बीच आस्था की 'परीक्षा'
बदइंतजामी के बीच आस्था की 'परीक्षा'

सीतापुर : ¨हदू धर्मग्रंथों में अष्टम बैकुंठ के रूप में प्रतिष्ठित नैमिषारण्य तीर्थ की प्राचीन 84 कोसीय परिक्रमा यात्रा रामादल 24 फरवरी दिन को नवें पड़ाव नैमिषारण्य तीर्थ में रात को विश्राम कर 25 फरवरी को सुबह 4 बजे भजन कीर्तन करते हुए दसवें पड़ाव कोल्हुआ बरेठी के लिए प्रस्थान करेगा।

loksabha election banner

ऐसी मान्यता है कि इस परिक्रमा में प्रतिभाग करने वाले परिक्रमार्थियों पर 88 हजार ऋषियों व 33 कोटि देवताओं की विशेष कृपा रहती है। दसवें पड़ाव की इस यात्रा में परिक्रमार्थी परिक्रमा मार्ग में पड़ने वाले व्यास गद्दी, मनु सतरूपा तपस्थान, ब्रम्हावर्त, दशाश्वमेघ घाट, हनुमान गढ़ी, पंच पांडव, यज्ञवाराह कूप, गंगोत्री, लक्ष्मीनारायण, नर¨सह, कुरुक्षेत्र, हंस हंसिनी, पुष्कर तीर्थ, कालीदाह, गोवर्धन, ध्रुवटीला, गोकुल, मथुरा, वृंदावन, नंदगांव, देवदेवेश्वर, सेतुबंध रामगंगा, विष्णु पर्वत, रुद्रावर्त, गुप्त काशी, रुद्र प्रयाग, देवप्रयाग, लोधेश्वर, त्रियुगी नारायण, केदारनाथ, बद्रीनाथ, तुंगनाथ, ब्रहस्पति तीर्थ प्रयाग, हनुमान तीर्थ, चित्रकूट आदि धर्मस्थलों के दर्शन करते हुए कोल्हुआ बरेठी में रात को विश्राम करने की परंपरा है। शाम को रामानुजकोट मंदिर से भगवान नैमिष नाथ की वार्षिक भव्य नगर शोभा यात्रा का आयोजन होता है। नैमिष नाथ को पारंपरिक रूप से पालकी पर बिठाकर नगर भ्रमण कराया जाता है। भगवान नैमिष नाथ की इस वार्षिक नगर भ्रमण यात्रा का श्री चक्रतीर्थ परिसर पर विशिष्ट आरती पूजन के साथ स्वागत अभिनंदन होता है। नैमिष नाथ भगवान की आरती व चक्रतीर्थ की अष्टकोणीय महाआरती व तीर्थ परिसर पर आतिशबाजी होती है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.