पहली बार आए हैं..परिक्रमा पूरी करके जाएंगे
चौरासी कोसीय परिक्रमा में शामिल होने विभिन्न प्रांतों से आए श्रद्धालु यहां का धार्मिक नजारा देखकर अभिभूत हैं।
नैमिषारण्य (सीतापुर) : चौरासी कोसी परिक्रमा में शामिल होने विभिन्न प्रांतों से आए श्रद्धालु यहां का धार्मिक नजारा देखकर अभिभूत हैं। परिक्रमा में शामिल लोग भजन कीर्तन करते हुए चल रहे हैं। परिक्रमा पथ पर जयकारे लगाते हुए चलना अलग ही मन को आनंदित कर रहा है। बहुत से परिक्रमा का नाम सुनकर पहली बार शामिल हुए हैं। उनका अनुभव कुछ अलग ही है। परिक्रमा के बारे में सुना था। आने का प्लान बन नहीं पा रहा था। इस बार तीन दिन पहले ही आ गए। बहुत ही अच्छा लग रहा है। संतों के साथ सत्संग और भगवान का भजन सुकून दे रहा है।
- आशा, दिल्ली पौराणिक परिक्रमा का अलग ही महत्व है। नैमिष आकर इसकी महत्ता पता चली। परिक्रमा करने में आत्मिक शांति का अनुभव हो रहा है। किसी भी प्रकार की कोई समस्या दिख ही नहीं रही।
- अंगूरी, दिल्ली पहली बार नैमिषारण्य की परिक्रमा में शामिल होने का सौभाग्य मिला है। सगे-संबंधियों के साथ परिक्रमा में पुण्य कमाने का मौका मिला है। परिक्रमा का माहौल बहुत ही भक्तिमय है।
- राजवीर गुप्ता, दिल्ली पहली परिक्रमा कर रही हूं, बहुत ही सुकून मिल रहा है। पहले लगता था कि, परिक्रमा कर मिलेगा या नहीं। यहां आकर ये भ्रम भी दूर हो गया। परिक्रमा में बहुत ही अच्छा लग रहा है।
- शकुंतला, दिल्ली तीन वर्ष से लड्डू गोपाल को लेकर परिक्रमा कर रही हूं। परिक्रमा में शामिल होते ही सभी दिक्कतें दूर हो जाती हैं। थकान तो कभी महसूस ही नहीं होती और आत्मिक शांति भी मिलती है।
- श्रीकुमारी, ग्वालियर उर्मिला, रामगुनी आदि पहले से आते थे। मुझे पहली बार परिक्रमा करने का सौभाग्य मिला है। यहां एक अलग ही माहौल है। राम-राम, सीताराम कहते ही दिक्कतें दूर हो रही हैं।
- मुन्नी शर्मा, ग्वालियर