पंच कोसी परिक्रमा से मिश्रिख में खिली अलौकिक छठा
मिश्रिख (सीतापुर) : तमाम अनुभवों को अपने अंदर समेटे हुए लाखों श्रद्धालुओं, संत, महंतों का रेला रविवा
मिश्रिख (सीतापुर) : तमाम अनुभवों को अपने अंदर समेटे हुए लाखों श्रद्धालुओं, संत, महंतों का रेला रविवार को अपने अंतिम व 11वें पड़ाव महर्षि दधीचि की नगरी मिश्रिख पहुंचा। संतों और महंतों के मिश्रिख पहुंचते ही पंच कोसी मेला मैदान अलौकिक छठा से खिल उठा। साधु, संत व महंतों ने पांच कोस की परिधि के अंदर अपने डेरा डाल रखे हैं। जिनकी परिक्रमा मेले में पहुंचने वाले श्रद्धालु कर रहे हैं।
84 कोसी परिक्रमा यात्रा का रामादल रविवार की सुबह भजन-कीर्तन करते हुए दसवें पड़ाव कोल्हुआ बरेठी से अंतिम पड़ाव मिश्रिख के लिए रवाना हुआ। इतनी लंबी यात्रा के बावजूद श्रद्धालुओं के उत्साह में कोई कमी नजर नहीं आ रही थी। हर किसी के मन में बस एक ही इच्छा थी, कि वे महर्षि दधीचि की नगरी पहुंचकर इस परिक्रमा को संपूर्ण करें। ²श्य ऐसा था कि कोई दंडवत करते चल रहा था, तो कोई पैदल जा रहा था। इस दौरान श्रद्धालु रास्ते के तीर्थ स्थलों के दर्शन करते हुए मिश्रिख तीर्थ पहुंचे। मिश्रिख पहुंचते ही श्रद्धालुओं ने जयश्रीराम व महर्षि दधीचि की जयघोष इस कदर की, कि पूरा क्षेत्र गगनभेदी जयकारों से गूंज उठा। जगह-जगह रास्ते में भंडारों में श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया गया। परिक्रमा यात्रा में देश, विदेश के श्रद्धालु शामिल हैं। परिक्रमार्थियों ने मिश्रिख पहुंचकर मिश्रिख नगर की पंच कोसी परिक्रमा शुरू कर दी। पंच कोसी परिक्रमा कर श्रद्धालु होली मनाने के लिए अपने घरों को रवाना होंगे। वहीं साधु, सन्यासी व महंत अपने आश्रमों को कूच करेंगे।