अल्ट्रासाउंड मुफ्त, फिर भी काटी जा रही फीस की रसीद
सीतापुर : प्रदेश सरकार द्वारा मरीजों के लिए अल्ट्रासाउंड की सुविधा मुफ्त किए जाने के बाद भी इसका ला
सीतापुर : प्रदेश सरकार द्वारा मरीजों के लिए अल्ट्रासाउंड की सुविधा मुफ्त किए जाने के बाद भी इसका लाभ आम जनता को नहीं मिल रहा है। सीतापुर के जिला अस्पताल में अभी भी अल्ट्रासाउंड कराने वाले मरीजों से सौ-सौ रुपये वसूले जा रहे है। प्रमुख सचिव ने इस संदर्भ में एक सितंबर को शासनादेश भी जारी कर दिया और आदेश को तत्काल अनुपालन करने के निर्देश भी दिए गए हैं, लेकिन यहां आदेश न मिलने की बात कहकर वसूली की जा रही है।
प्रदेश सरकार ने रोगियों के हित को देखते हुए प्रयोगशाला की जांच व एक्स-रे की जांच पहले से मुफ्त कर रखी है। राजकीय कर्मचारियों व गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों को पहले से ही मुफ्त अल्ट्रासाउंड की सुविधा दी जा रही थी। हालांकि अन्य रोगियों को चिकित्सक की सलाह पर अल्ट्रासाउंड करवाने पर सरकार द्वारा निर्धारित 100 रुपये की फीस चुकानी पड़ती थी। सूबे के मुख्यमंत्री ने अस्पताल में होने वाले हर तरह के अल्ट्रासाउंड मुफ्त में करने के आदेश दिए। इस पर प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य ने उसे तत्काल लागू करने के आदेश जारी कर दिए। आदेश को विभाग की वेबसाइड पर अपलोड भी कर दिया गया। उसके बावजूद जिले के स्वास्थ्य प्रशासन न ब धवार को शासनादेश न मिलने की बात कहकर रोगियों से अल्ट्रासाउंड के नाम पर 100-100 रुपये की रसीद कटवा रहा है।
पेट में दर्द की शिकायत है। चिकित्सक ने अल्ट्रासाउंड कराने को कहा। पहले उनसे 100 रुपये जमा कराए गए बाद में अल्ट्रासाउंड हो सका।
- जुम्मन
हमें नहीं मालूम कि अल्ट्रासाउंड को सरकार ने फ्री कर दिया है। वह रोगी सरस्वती का अल्ट्रा साउंड करवाने को आई हैं। उनसे पहले पैसे जमा कराए गए बाद में जांच हुई।
- रेनू
अल्ट्रासाउंड मुफ्त में कर दिया गया है, लेकिन अस्पताल में तो इसके पैसे लिए जा रहे हैं। सरकार ने तो अच्छा किया है, लेकिन अधिकारी उसका अनुपालन तो करें।
- रणजी
पति का अल्ट्रासाउंड होना है। डॉक्टर को पर्चा देने पर पता चला कि पहले इसकी फीस जमा करो उसके बाद ही जांच हो सकेगी।
- गुड्डी देवी
- क्या कहते हैं जिम्मेदार
अभी कैबिनेट में अल्ट्रासाउंड मुफ्त में करने का आदेश पास हुआ है। शासनादेश नहीं जारी हुआ है। आदेश मिलने के बाद रोगियों को मुफ्त में अल्ट्रासाउंड की जांच की जाएगी।
- नलिनी कांत त्रिपाठी, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक