प्रसव आसान करने वाली दवा का नमूना फेल
सीतापुर: राजकीय अस्पतालों में सप्लाई हो रही महिलाओं की दवाओं की गुणवत्ता का कंपनी ध्यान नहीं दे रही
सीतापुर: राजकीय अस्पतालों में सप्लाई हो रही महिलाओं की दवाओं की गुणवत्ता का कंपनी ध्यान नहीं दे रही हैं। भले ही महिलाओं की बीमारी बढ़ जाए। ऐसा ही मामला ड्रग इंस्पेक्टर डीके तिवारी ने जिला महिला चिकित्सालय में पकड़ा है। दवा का नमूना फेल होने पर निर्माता दवा कंपनी, प्रोडक्ट केमिस्ट, दवा विश्लेषक के खिलाफ अपर जनपद एवं सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायालय (औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम) लखनऊ के न्यायालय में मुकदमा दर्ज कराया गया है।
औषधि निरीक्षक डीके तिवारी ने बताया कि 18 जून 2013 को जिला महिला चिकित्सालय के औषधि भंडार से एसएमओ डॉ. टीएस ग्रेवाल की उपस्थिति में मिजोप्रोस्टॉल 100 माइक्रोग्राम टेबलेट का नमूना लिया गया था। जिसका बैच नंबर टीएमएसएल 003 व निर्माता मे. मेडिपॉल फार्मास्कूटिकल्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड 1199-3 भुडबद्दी, जनपद सोलन हिमांचल प्रदेश अंकित था। दवा के नमूने को लेकर जांच के लिए प्रयोगशाला को भेज दिया। जांच के दौरान पाया गया कि 100 माइक्रोग्राम के स्थान पर 1.23 माइक्रोग्राम दवा की मात्रा मिली। विवेचना करने पर पाया गया कि निर्माता फर्म ने मिजोप्रोस्टॉल औषधि का अपने यहां विश्लेषण सही नहीं किया था, जिसके चलते यह अधोमानक अस्पतालों में आपूर्ति की गई और मरीजों को वितरित की गई। दवा का जो वास्तविक लाभ मरीजों को मिलना था, वहीं नहीं मिल सका। जांच में दोषी पाए गए मे. मेडिपॉल फार्मास्युटिकल्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, प्रोडक्ट केमिस्ट राजेश कुमार उपाध्याय सिहानीगेट गाजियाबाद, दवा विश्लेषक सुरेश चंद्र गोस्वामी के खिलाफ न्यायालय में वाद दायर किया गया है। औषधि निरीक्षक ने बताया मिजोप्रोस्टॉल दवा का प्रयोग प्रसव के दौरान प्रसव आसान करने के लिए किया जाता है। उन्होंने बताया कि दवा का स्टॉक खत्म हो चुका है।