दरवाजे की कुंडी तोड़ चोर उठा ले गए जेवर व नकदी
चौराहे पर ही प्रमोद भट्ट का मकान है। वह अपने पूरे परिवार के साथ शनिवार को कोतवाली के डुड़वार भट्ट गांव में अपने रिश्तेदार के यहां आयोजित समारोह से रविवार दोपहर जब वह वापस आए तो देखा घर का सामान तितर बितर था। घर की एक आलमारी खुली थी जिसमें आभूषण और नकदी 30 हजार गायब था।
सिद्धार्थनगर : कोतवाली के बांसी -बस्ती मार्ग पर तिलौली चौराहा स्थित एक मकान के दरवाजे की कुंडी तोड़ चोरों ने नकदी व जेवर पर हाथ कर दिया। गृह स्वामी किसी शादी समारोह में गए थे। दोपहर में जब घर पहुंचे तो मामले की जानकारी हुई और कोतवाली में तहरीर दिया।
चौराहे पर ही प्रमोद भट्ट का मकान है। वह अपने पूरे परिवार के साथ शनिवार को कोतवाली के डुड़वार भट्ट गांव में अपने रिश्तेदार के यहां आयोजित समारोह से रविवार दोपहर जब वह वापस आए तो देखा घर का सामान तितर बितर था। घर की एक आलमारी खुली थी जिसमें आभूषण और नकदी 30 हजार गायब था। अभी बीते 12 दिसंबर को भी इसी चौराहे पर पाठक मेडिकल स्टोर्स की दुकान का ताला तोड़ कर दवाइयों पर चोरों ने हाथ साफ कर दिया था। पुलिस अभी इसका पटाक्षेप कर ही नहीं पाई थी कि पखवारे बाद चोरों ने यह दूसरी चोरी कर पुलिस को चुनौती दे दी।
आए दिन बंद रहता है महुआरा धान क्रय केंद्र
क्षेत्र में धान कटाई का काम लगभग पूरा हो चुका है, लेकिन अभी तक स्थापित क्रय केंद्रों की उदासीनता बरकरार है। सरकारी धान क्रय केंद्र महुआरा जो साधन सहकारी समिति के भवन में संचालित होता है। क्रय केंद्र आए दिन बंद रहता है जिसके चलते अबतक यहां सिर्फ 63 किसान ही अपनी उपज बेंच सके हैं।
महुआरा धान क्रय केंद्र पर मनमानी चल रही है। किसानों से बातचीत करने का हवाला देकर सचिव नदारद रहते हैं, जिससे धान खरीद की रफ्तार बेहद सुस्त है। केंद्र को 10 हजार क्विंटल धान खरीद का लक्ष्य दिया गया था। एक माह बीतने के बाद भी सिर्फ 4826 क्विटल धान ही खरीदा जा सका है। 63 किसान उपज बेंच चुके हैं, लेकिन दो दर्जन किसान बिक्री पंजीकरण कराने के बाद भी उपज नहीं बेंच सके। सत्यराम, मो. असलम, गंगोत्री, राकेश आदि ने बताया कि बिक्री का पंजीकरण हो गया , लेकिन क्रय केंद्र ही नहीं खुलता। उपज लेकर आएं तो लेकर वापस लौटना पड़ता है। कुछ किसानों ने बताया कि बिचौलियों से खरीदारी कर लक्ष्य पूरा करने की तैयारी है। केंद्र प्रभारी अभिषेक ने बताया कि किसानों को जागरूक किया जा रहा है कि उपज सुखा कर केंद्र पर लाएं। तय समय में खरीद लक्ष्य पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है।