अंग्रेजों के समय में बने पुल को मरम्मत का इंतजार
बांसी को खलीलाबाद व गोरखपुर को जोड़ने वाले मार्ग पर स्थित दलदला पुल जर्जर हो दुर्घटना को दावत दे रहा। अंग्रेजों के समय में स्थापित इस पुल के पाए की ईंटें जगह जगह से निकल चुकी हैं ।
सिद्धार्थनगर : बांसी को खलीलाबाद व गोरखपुर को जोड़ने वाले मार्ग पर स्थित दलदला पुल जर्जर हो दुर्घटना को दावत दे रहा। अंग्रेजों के समय में स्थापित इस पुल के पाए की ईंटें जगह जगह से निकल चुकी हैं । रेलिग भी काफी जर्जर हो गई। बनने के बाद से आज तक मरम्मत को कौन कहे इसमें रंगरोगन तक नहीं हुआ । जबकि खराब मार्ग को उच्चीकरण करण व डबल लेन में बना दिया गया, पर पुल पर यह न चौड़ा हुआ न मरम्मत ही हुआ ।
बेलौहा बाजार से सौ मीटर आगे बरार नदी पर इस पुल को अंग्रेजों द्वारा बनवाया गया था। इसी के नाम पर बेलौहा बाजार स्थित पोस्ट आफिस का नाम भी दलदला पड़ा । लगभग दो सौ वर्ष पूर्व चार मीटर चौड़े व तीस मीटर लंबे बने इस ऐतिहासिक पुल के पाये कमजोर हो गये हैं व दोनों तरफ बनी रेलिग भी जगह जगह टूट चुकी है। जिससे पूर्व में कई घटनाएं भी हो चुकी हैं । विभाग यदि नहीं चेता तो पुल के ढहने से गोरखपुर जाना लोगों का दुरुह हो जाएगा। प्रतिदिन होता आवागमन
इस पर करीब दो सौ से अधिक भारी वाहन तथा लगभग एक हजार की संख्या में छोटे वाहन दिन रात गुजरते हैं। लोक निर्माण विभाग की इस अनदेखी से यह ऐतिहासिक धरोहर बदहाल होने के कगार पर है। जिससे क्षेत्रवासियों में आक्रोश व्याप्त है। बोले राहगीर व ग्रामीण
इसका निर्माण दो सौ वर्ष पूर्व अंग्रेजों के समय में हुआ था। तब से आज तक विभाग इस पुल के रख रखाव आदि में एक रुपया भी नहीं खर्च किया।
अम्बिका पांडेय, सेवानिवृत्त शिक्षक पुल की रेलिग सालों से टूटी हुई है। जिससे आये दिन दुर्घटना होने की संभावना बनी रहती है। लेकिन विभागीय जिम्मेदारों को यह दिखाई नहीं देता है।
अमित पाण्डेय
पुल तो अब ढहने के कगार पर पहुंच गया है । विभाग समय रहते इसकी सुध नहीं लिया तो इस एतिहासिक धरोहर को बचाना मुश्किल हो जाएगा ।
कौशल किशोर मिश्रा यह बेलौहा व बांसी क्षेत्र की जनता के लिए काफी उपयोगी व महत्वपूर्ण पुल है । इसकी मरम्मत व देखरेख न करना विभाग की घोर लापरवाही को दर्शाता है ।
मनबहाल मिश्र