आतिशबाजी में दूसरों की सुरक्षा का रखें ख्याल
सिद्धार्थनगर : आतिशबाजी करें , लेकिन दूसरों की सुरक्षा का भी ख्याल रखें। थोड़ी से चूक बड़ी घटना को अं
सिद्धार्थनगर : आतिशबाजी करें , लेकिन दूसरों की सुरक्षा का भी ख्याल रखें। थोड़ी से चूक बड़ी घटना को अंजाम दे सकते है। पटाखा से निकली ¨चगारी किसी भी बड़ी घटना को अंजाम दे सकती है। आतिशबाजी ऐसे स्थान पर करें, जहां आगजनी की घटना होने की संभावना नगण्य हो। आबादी में पटाखा बजाने से परहेज करें। तेज आवाज पटाखा से दूरी बनाए रखे। यह घटना को अंजाम देने के साथ स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं भी खड़ी करता है। आतिशबाजी से पहले सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर लें। बाल्टी में पानी, बालू को साथ में रखें। वर्ष 2016 में थाना उस्का बाजार में हुई घटना में दो लोगों की जान जा चुकी है।
दीपावली पर आतिशबाजी करते समय सावधानी बरतने की आवश्यकता है। अपने साथ, दूसरे की भी सुरक्षा का ध्यान रखना होगा। पटाखा से निकली एक ¨चगारी तांडव मचा सकती है। आसमान में फूटने वाले पटाखा की ¨चगारी जमीन पर गिरने के बाद घटनाओं को अंजाम देती है। तेज आवाज वाले पटाखा से परहेज करें। यह जन व धनहानि के साथ स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुंचाते हैं। पटाखा फोड़ते समय उचित दूरी बनाए रखें। बारूद से जलने के बाद तत्काल ठंडे पानी से धुलें। आंखों में जलन होने पर तत्काल ठंडे पानी का छींटा मारें। विशेषज्ञ से परामर्श लें। थोड़ी सी असावधानी से लेने का देना पड़ सकता है। स्वास्थ्य सुरक्षा का भी ध्यान रखें। इस पर रोक लगाने की आवश्यकता है। लोगों में जागरूकता लाने की पहल शुरू की जानी चाहिए। पटाखों से वातावरण प्रदूषित होता है। निकलने वाली जहरीली गैस त्वचा व ह्दय रोग को बढ़ावा देती है। पटाखा गोदाम में लगी आग से दो की गई थी जान
11 अप्रैल 2016 को थाना उस्का बाजर में गोरखपुर मार्ग के पास स्थित पटाखा के स्थायी गोदाम में आग लग गई थी। गोदाम के कमरे में बैठे मोहम्मद शाहिद (18) मौके पर मौत हो गई थी। दूसरा युवक मोहम्मद वाहिद (22) गंभीर रूप से झुलस गया था। मेडिकल कालेज में इलाज के दौरा उसकी मौत हो गई थी। पटाखा गोदाम में आग गेंहू के खेत में जलाए गए ठंडल से उठी एक ¨चगारी से लगी थी।
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पटाखा फोड़ते समय बरतें सावधानी
पटाखा फोड़ने के समय सावधानी बरती जाए। साथ में पानी से भरी बाल्टी रखे। बालू का ढेर भी रखें। बच्चों को पटाखा से दूर रखें। फूटने के बाद इसमें से सल्फर डाई आक्साइड, कार्बन डाई आक्साइड, कार्बन मोनो आक्साइड, नाइट्रोजन के आक्साइड जैसी खतरनाक गैसें निकलती हैं। यह आखों के लिए नुकसानदायक है। बच्चों व गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य पर असर पड़ता है। लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है। कालेजों में छात्र व युवाओं को पटाखा से होने वाले नुकसान को बताना होगा।
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कई रसायनों के मिश्रण से बनता हैं आसमान में फूटने वाला पटाखा
आकाश को जगमग करने वाले पटाखा को बनाने में 21 प्रकार के रसायनों का प्रयोग किया जाता है। आसमान में फूटने के बाद इन पटाखों से निकली ¨चगारी से आग लगने की घटना की संभावना अधिक होती है। तेज आवाज पटाखा बनाने में पोटेशियम नाइट्रेट, सीओ-टू सल्फर का प्रयोग किया जाता है। जो फूटने के दौरान किसी के शरीर के संपर्क में आने के बाद गंभीर घाव देने का काम करता है। इससे तापमान में तेजी से वृद्धि होने लगती है।
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पटाखा फोड़ते समय सावधानी जरूरी
दीपावली में पटाखा फोड़ते समय सावधानी बरते। आतिशबाजी के दौरान आग लगने की घटनाएं बढ़ जाती है। आकाश में फूटने वाले पटाखा से परहेज करे। इसकी ¨चगारी से आगजनी की घटनाएं होने की संभावनाएं होती है।
अनिल कुमार ¨सह
मुख्य अग्निशमन अधिकारी
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दीपावली में पटाखा फोड़ते समय सावधानी बरतनी चाहिए। पटाखा की एक ¨चगारी बड़ी घटना को अंजाम दे सकती है। त्योहार मनाएं। सावधानी बरते। सुरक्षित रहे व दूसरे की सुरक्षा की भी परवाह करे। वायु मंडल में प्रदूषण को भी ध्यान में रखे। ग्रीन दीपावली की परिकल्पना को साकार करें।
डा. धर्मवीर ¨सह
एसपी