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काम से बनाई पहचान तो मिला जीत का तोहफा

स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने पहले कोरोना काल में अपने काम से पहचान बनाई। यह साबित कर दिया कि उनमें काफी कुछ करने की क्षमता है। जब पंचायत चुनाव में भागीदारी की तो उन्हें अपनी पहचान व काम का फायदा भी मिला। तीन पदों के लिए समूह की 29 महिला सदस्यों ने नामांकन किया था।

By JagranEdited By: Published: Sat, 15 May 2021 11:29 PM (IST)Updated: Sat, 15 May 2021 11:29 PM (IST)
काम से बनाई पहचान तो मिला जीत का तोहफा
काम से बनाई पहचान तो मिला जीत का तोहफा

सिद्धार्थनगर : स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने पहले कोरोना काल में अपने काम से पहचान बनाई। यह साबित कर दिया कि उनमें काफी कुछ करने की क्षमता है। जब पंचायत चुनाव में भागीदारी की तो उन्हें अपनी पहचान व काम का फायदा भी मिला।

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तीन पदों के लिए समूह की 29 महिला सदस्यों ने नामांकन किया था। इनमें ग्राम प्रधान पद पर 19 सदस्यों ने पर्चा भरा। छह ने जीत हासिल की। 10 दूसरे नंबर पर रहीं। क्षेत्र पंचायत सदस्य पद पर नौ के सापेक्ष छह ने विजय प्राप्त की है। शेष तीन दूसरे नंबर पर रही। इनकी हार के मतों का अंतर बहुत कम रहा।

स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने कोरोना संक्रमण काल में पहले मास्क बनाया। फिर पीपीई किट, उसके बाद सैनिटाइजर। सरकारी कर्मचारियों के दोनों वक्त के भोजन की होम डिलीवरी भी की। ग्रामीण महिलाओं ने उद्यम के क्षेत्र में भी कदम रखा है। सेनेटरी नैपकिन की फैक्ट्री भी स्थापित की है। अब गांव की राजनीति में भी परचम लहराया। पंचायत चुनाव में नौ ने ग्राम प्रधान की कुर्सी पर कब्जा जमाया है। इटवा ब्लाक के ग्राम पंचायत कपिया में कलावती, खुनियांव के अकोल्हिया में उर्मिला, बढ़नी के बैदोली में रुकमणी, शोहरतगढ़ के सूर्यकुड़िया में संगीता, अकरा में मीरा, मेंहलौली में संजू, बांसी से चंद्रावती, नौगढ़ के खजुरिया में बबिता पांडेय और डुमरियागंज के गौहनियाराज में मीरा देवी ने जीत हासिल की है। बबिता पांडेय ने कहा कि हर घर की महिलाएं अब जागरूक होने लगी हैं। घरेलू महिलाओं का चुनाव में सहयोग भी खूब मिला। गांव बहुत पिछड़ा था। काम नहीं हुए थे। विकास कार्यों को लेकर मैंने वोट मांगा, गांव के लोगों का भरपूर सहयोग मिला। रुकमणी ने कहा कि सीट महिला के लिए आरक्षित थी। पति ने पर्चा भरवाया और वोट भी मांगा। जीत मिली है अब गांव का भरपूर विकास होगा। संगीता का कहना है कि गांव बहुत पिछड़ा है, जो विकास होने चाहिए थे, नहीं हुए। एक आदर्श गांव बनाने की तमन्ना है।

मुख्य विकास अधिकारी पुलकित गर्ग ने कहा कि स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने ग्राम प्रधान पद के चुनाव में विजय प्राप्त की है। इसकी जानकारी मिली है। समाज के सामने एक नजीर प्रस्तुत किया है। कोरोना संक्रमण काल में इन्होंने उल्लेखनीय कार्य किया है। अब ग्राम के विकास के लिए भी बेहतर कार्य करने की उम्मीद है।


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