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मेहमान प¨रदों की आवक से ताल गुलजार

तहसील क्षेत्र में ताल पोखरों का संजाल है, जहां सर्दी के मौसम में प्रवासी पक्षी महीनों तक डेरा डालते हैं और इनकी चहचहाहट से पूरा क्षेत्र गूंजता रहता है। चेचराफ ग्राम पंचायत में अखनिया नौखान ताल भी इस समय मेहमान पक्षियों के कलरव से गूंज रहा

By JagranEdited By: Published: Tue, 15 Jan 2019 11:28 PM (IST)Updated: Tue, 15 Jan 2019 11:28 PM (IST)
मेहमान प¨रदों की आवक से ताल गुलजार
मेहमान प¨रदों की आवक से ताल गुलजार

सिद्धार्थनगर : तहसील क्षेत्र में ताल पोखरों का संजाल है, जहां सर्दी के मौसम में प्रवासी पक्षी महीनों तक डेरा डालते हैं और इनकी चहचहाहट से पूरा क्षेत्र गूंजता रहता है। चेचराफ ग्राम पंचायत में अखनिया नौखान ताल भी इस समय मेहमान पक्षियों के कलरव से गूंज रहा है। पिछले दो वर्ष से ताल के संरक्षक और ग्राम प्रधान की संयुक्त पहल के चलते शिकार पूर्णत: प्रतिबंधित किया गया, जिससे मेहमान पक्षियों का जमावड़ा इस बार अनरिया नौखान ताल में देखते ही बनता है।

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तहसील क्षेत्र के ग्राम पंचायत चेचराफ में लगभग 78 बीघे में ताल है। पिछले तीन वर्ष से ग्राम प्रधान व ताल के संरक्षक केशरी के नेतृत्व में अभियान चलाया गया,गांव के लोगों को जागरूक किया गया कि पक्षियों को मारना अपराध है। गांव के लोगों को बताया गया कि न तो वह खुद पक्षियों का शिकार करें और न ही किसी को करने दें अगर मना करने पर भी कोई शिकार करने से पीछे नहीं हटता तो डायल हंड्रेड पर सूचना दें। यह प्रयास रंग लाता दिखाई दिया और दूसरे वर्ष से ही प्रवासी पक्षियों का झुंड फिर इस ताल में विचरण करता दिखने लगा। इस बार काफी अधिक मात्रा में मेहमान पक्षी यहां पहुंचे हैं, जिसमें कैमा,लालसर, पुछार, टिक्की, सुर्खाब, बत्तक जैसे पक्षी शामिल हैं। ग्राम प्रधान आसिया कहती हैं कि पक्षियों का जुड़ाव इस ताल से बना रहे इसके लिए ताल के इर्द गिर्द मक्के व चने का चारा भी डाला जाता है। मत्स्य जीवी सहकारी समिति लिमिटेड कठेला के अध्यक्ष केशरी निषाद जो इस ताल के संरक्षक हैं उनका कहना है कि ग्राम प्रधान के संयुक्त प्रयास से शिकार पूरी तरह प्रतिबंधित हुआ है। अब मेहमान पक्षी ताल में निर्भयता के साथ विचरण करते हैं। प्रशासन अगर इस ताल का सौंदर्यीकरण करवाए तो निश्चित ही यहां पर्यटक प्रवासी पक्षियों को देखने पहुंचेंगे और ताल का महत्व बढ़ेगा। तहसीलदार राजेश अग्रवाल ने कहा कि ताल के सौंदर्यीकरण के लिए उच्चाधिकारियों को सूचित कर अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा।


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