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सिद्धार्थ विवि के छात्रों को मिलेगा फेकल्टी एक्सचेंज का अवसर

वार्षिक परीक्षाफल के आधार पर विवि के टापर का चयन किया जाएगा। मेधावी को गोल्ड मेडल से सम्मानित किया जाएगा। विश्वविद्यालय कैंपस में शिक्षारत 400 छात्रों को इसका तत्कालिक लाभ मिलेगा।

By JagranEdited By: Published: Tue, 10 Nov 2020 10:49 PM (IST)Updated: Tue, 10 Nov 2020 10:49 PM (IST)
सिद्धार्थ विवि के छात्रों को मिलेगा फेकल्टी एक्सचेंज का अवसर
सिद्धार्थ विवि के छात्रों को मिलेगा फेकल्टी एक्सचेंज का अवसर

सिद्धार्थनगर : सिद्धार्थ विश्वविद्यालय के छात्रों को फेकल्टी एक्सचेंज का लाभ मिलेगा। इसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने भारतीय कंपनी सचिव संस्थान (आइसीएसआइ) से करार किया है। करार के बाद स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम भी जल्द शुरू हो जाएगा। वार्षिक परीक्षाफल के आधार पर विवि के टापर का चयन किया जाएगा। मेधावी को गोल्ड मेडल से सम्मानित किया जाएगा। विश्वविद्यालय कैंपस में शिक्षारत 400 छात्रों को इसका तत्कालिक लाभ मिलेगा। इनमें 120 एमकाम व 180 छात्र बीकाम कर रहे हैं। बीबीए व एमबीए की पढ़ाई शुरू होने के बाद इस फेकल्टी में अध्ययनरत छात्रों को भी इसका फायदा मिलेगा।

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विश्वविद्यालय के वाणिज्य संकाय से भारतीय कंपनी सचिव संस्थान ने करार किया है। विभागाध्यक्ष डा. दीपक बाबू व गोरखपुर परिक्षेत्र की अध्यक्ष रागिनी गुप्ता ने एमओयू पर हस्ताक्षर किया। इसके बाद विवि इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया। वाणिज्य संकाय के छात्रों को कई लाभ प्राप्त होंगे। अंतरराष्ट्रीय लाइब्रेरी से आनलाइन जुड़ सकेंगे। अंतरराष्ट्रीय व राष्ट्रीय स्तरीय सेमीनार में यहां के छात्र अपना व्याख्यान भी दे सकेंगे। विभागाध्यक्ष वाणिज्य संकाय डा. दीपक बाबू ने बताया कि इस करार के बाद छात्रों को लाभ मिलेगा। उनके हित को देखते हुए यह काम किया गया है। कुलपति प्रो. सुरेंद्र दुबे ने कहा कि विवि ने सार्थक पहल की है। वाणिज्य संकाय ने आइसीएसआइ के साथ हाथ मिलाया है। इससे छात्रों को गुणवत्तापरक शिक्षा मिलेगी। साथ में रोजगार के भी अवसर मिलेंगे। जल्द ही अन्य योजनाओं को भी मूर्त स्वरूप प्रदान किया जाएगा।

दिल्ली जा रहे व्यक्ति की बस दुर्घटना में मौत

थाना क्षेत्र के ग्राम बनकटा निवासी 45 वर्षीय राधेश्याम तिवारी (लहुरूकू) पुत्र शारदा तिवारी की सोमवार सुबह बस से दिल्ली जाते समय सड़क दुर्घटना में मौत हो गई है। सूचना फैलते ही पूरा गांव शोक में डूब गया है, साथ ही उनके बच्चे विलाप करने लगे। मंगलवार को पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को मिलेगा, जिसके बाद गांव लाया जाएगा, जहां उनका अंतिम संस्कार होगा।

राधेश्याम तिवारी रोजी रोटी के लिए दिल्ली में ही रहते थे। गांव से एक प्राइवेट बस से दिल्ली जा रहे थे, गंतव्य से कुछ दूर पहले ही जेवर नामक स्थान के पास बस का टायर फट गया और बस दुर्घटनाग्रस्त हो गई। जिससे मौके पर ही उनका निधन हो गया। अन्य कई लोगों को भी चोटें आईं जिन्हें प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया गया ।

बेटे की फीस जमा करने घर आए थे राधेश्याम

राधेश्याम तिवारी तो दिल्ली में रहते थे ,पर दो बेटे अंकित तिवारी अमित तिवारी तथा बेटी लता गांव पर ही रह रहे थे। अमित को डी फार्मा करवाना चाहते थे, उसी की फीस जमा करने के लिए दिल्ली से आए थे। फीस जमा कर पुन: दिल्ली लौट रहे थे, क्या पता था कि यह बेटे के लिए आखिरी सौगात साबित होगी।


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