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सुरक्षित रहने के लिए टीकाकरण जरूरी

कोरोना ऐसी बीमारी है जिसका सीधा असर हमारे फेफड़ों पर पड़ता है। इसकी चपेट में मरीज के लंग्स डैमेज हो जाते हैं। यही वजह है कि इन दिनों सभी अपने इम्युनिटी सिस्टम को मजबूत कर रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 22 Jun 2021 11:24 PM (IST)Updated: Tue, 22 Jun 2021 11:24 PM (IST)
सुरक्षित रहने के लिए टीकाकरण जरूरी
सुरक्षित रहने के लिए टीकाकरण जरूरी

सिद्धार्थनगर : कोरोना ऐसी बीमारी है जिसका सीधा असर हमारे फेफड़ों पर पड़ता है। इसकी चपेट में मरीज के लंग्स डैमेज हो जाते हैं। यही वजह है कि इन दिनों सभी अपने इम्युनिटी सिस्टम को मजबूत कर रहे हैं। प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और आक्सीजन लेवल में सुधार करने के लिए जहां एक ओर लोग देसी नुस्खे आजमा रहे हैं तो वहीं कुछ योग का सहारा ले रहे हैं। लेकिन सभी का मानना है कि संक्रमण से सुरक्षित रहने के लिए टीकाकरण कराना अनिवार्य है।

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फिजियो डा. अवनीश वर्मा कहते हैं कि महामारी के संकट की घड़ी में हमें अपने फेफड़ों का ख्याल रखना जरूरी है। क्योंकि, कोरोना वायरस का अटैक फेफड़ों पर ही सबसे पहले होता है और फिर ये धीरे-धीरे हमारे शरीर के बाकी हिस्सों को भी हानि पहुंचाता है। शंखनाद करना इसमें काफी मददगार है। यह फेफड़ों की एक्सरसाइज है इससे उनकी ताकत बढ़ती है। इसके अलाव हर व्यक्ति को टीकाकरण जरूर कराना चाहिए । इससे संक्रमण से बचाव होता है। बेलदारजोत शिवमंदिर के पुजारी अर्जुन मिश्रा बताते हैं कि हिदू धर्म में हर मांगलिक कार्य जैसे हवन, कथा में शंख बजाया जाता है। यह पवित्र ध्वनि का प्रतीक माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार शंख बजाने से सुख-समृद्धि सहित कई अन्य लाभ होते हैं। इसकी ध्वनि से कई बीमारियां भी दूर होती हैं। शंखनाद करना हर तरह से फायदेमंद है। कोरोना से बचने के लिए टीकाकरण अनिवार्य रूप से सभी कराएं जिससे सुरक्षित रह सके। हमने वैक्सीन की दोनों डोज लगवा लिया है। यही नहीं हम भक्तों सहित सभी लोगो से बताते हैं कि वैक्सीन के साथ-साथ कोरोना गाइड लाइन का भी पालन करना चाहिए। चेहरे पर मास्क जरूर लगाना चाहिए, सा़फ सफाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए। अस्पताल का भवन तैयार, विभाग को हैंडओवर का इंतजार सिद्धार्थनगर : क्षेत्र के राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालय रसूलपुर को अपना भवन लगभग एक वर्ष पूर्व बनकर तैयार है। लेकिन जिम्मेदारों के लापरवाही से अबतक विभाग को हैंडओवर नहीं हो पाया है। जिससे यहां किराए के भवन अस्पताल चल रहा है। नया अस्पताल भवन असामाजिक तत्वों का ठिकाना बनता जा रहा है।

राजकीय होम्योपैथिक अस्पताल रसूलपुर को अपने ग्राम पंचायत में भूमि न मिलने से ग्राम पंचायत कुंडी में भवन के लिए जमीन मिली, 18 लाख रुपये की लागत से विभाग ने कार्यदाई संस्था सीएंडडीएस को जिम्मेदारी दी। भवन सालभर पहले बनकर तैयार हो गया। परन्तु अबतक विभाग को हस्तानांतरण नहीं हो सका । जिससे अस्पताल किराए के भवन में चल रहा है। विभाग पर आर्थिक बोझ पड़ रहा है।

जिला होम्योपैथिक अधिकारी डा. सूर्य प्रकाश मणि त्रिपाठी ने कहा कि विभाग ने भवन की गुणवत्ता की परख के लिए टीम गठित की थी। जिसने भवन का बारीकी से निरीक्षण कर रिपोर्ट दे दी है। इसी माह में भवन हैंडओवर करा लिया जाएगा।


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