लॉकडाउन-5 की संभावना देख घर हुए वापस
26 हजार के पार हुआ बाहर से आने वाले प्रवासियों का आंकड़ा -अभी तक किया इंतजार पर अब भोजन के पड़ गए थे लाले परिवार व बचों के साथ घर वापस लौट रहे प्रवासी कामगार
सिद्धार्थनगर : अभी तक इंतजार किया कि शायद माहौल सामान्य हो जाए। फिर कामकाज व जिदगी पटरी पर आ जाए। मगर लॉकडाउन-5 की संभावना को देखते हुए घर लौटना मजबूरी बन गया। जमा पूंजी भी खत्म हो गई थी और भोजन के लिए मुश्किलें खड़ी होने लगी थी।
यह दर्द उन प्रवासी कामगारों का है। जो अभी तक मुंबई में सिर्फ इसलिए रुके थे कि दो महीने का समय बीत गया अब शायद स्थिति सामान्य हो जाए। लॉकडाउन बढ़ने के संकेत के कारण अब यह लोग परिवार व बच्चों के साथ घर वापस लौटने लगे हैं। कठेला निवासी जय प्रकाश परिवार के साथ गोवंडी में रहते थे। सोफा बनाने का काम कर रहे थे, लॉकडाउन के बाद से कामकाज ठप हो गया। जो कुछ जमा था, वह खर्च हो गया। मजबूरी में घर लौटना पड़ा। मुंबई से आए बैरियहवा निवासी रामदीन ने बताया कि सोचा था कि लॉकडाउन अब समाप्त हो जाएगा। लेकिन स्पेशल ट्रेन से आ गए। दूसरे शहरों से प्रवासियों के आने का सिलसिला लगातार जारी है। अब तक 26 हजार से अधिक लोग इटवा क्षेत्र में आ चुके हैं। थर्मल स्क्रीनिग में संदिग्ध मिलने पर 125 लोग क्वारंटाइन किए गए हैं।
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डोर टू डोर राशन किट वितरण शुरू इटवा : प्रशासन ने डोर टू डोर प्रवासियों तक राशन किट पहुंचाने का काम प्रारंभ करा दिया है। तहसीलदार अरविद कुमार ने कहा कि प्रयास है कि दो दिन के अंदर सभी लोगों तक राशन किट पहुंच जाए।