आधा दर्जन स्कूलों में है पेयजल का संकट
खेसरहा विकास खंड के आधा दर्जन प्राथमिक विद्यालयों में इस समय पेय जल की गंभीर समस्या बनी हुई है। मरवटिया, विशुनपुर, रेहरा, डुमरिया बुजुर्ग आदि ऐसे विद्यालय है जहां मध्यान्ह भोजन के बाद छात्र पानी के लिए स्कूल छोड़ गांव में भटकते हैं। इससे एक तरफ उनका पठन-पाठन बाधित होता है तो दूसरी तरफ नलों के स्वामी छात्रों पर आक्रोश भी व्यक्त करते हैं।
सिद्धार्थनगर : खेसरहा विकास खंड के आधा दर्जन प्राथमिक विद्यालयों में इस समय पेय जल की गंभीर समस्या बनी हुई है। मरवटिया, विशुनपुर, रेहरा, डुमरिया बुजुर्ग आदि ऐसे विद्यालय है जहां मध्यान्ह भोजन के बाद छात्र पानी के लिए स्कूल छोड़ गांव में भटकते हैं। इससे एक तरफ उनका पठन-पाठन बाधित होता है तो दूसरी तरफ नलों के स्वामी छात्रों पर आक्रोश भी व्यक्त करते हैं।
सबसे खराब स्थिति मरवटिया प्राथमिक विद्यालय की है। यहां वर्तमान में 192 छात्र पंजीकृत हैं। लगा इंडिया मार्क हैंडपंप दूषित पानी दे रहा है। छात्रों के साथ अध्यापक भी इस समस्या से दो चार हो रहे हैं। मध्यान्ह भोजन बनाने के दौरान रसोइया पानी गांव के नल से लेकर आती है। छात्रों का झुंड प्रतिदिन गांव में लगे निजी हैंडपंपों पर पहुंचता है, जिससे उसके स्वामी उन्हें खरी खोटी भी सुनाते है। प्रधानाध्यापक ने अपने स्तर से कई बार लिखित व मौखिक रुप से विभाग को अवगत कराया है। कोई सुनवाई अभी तक नहीं हो सकी। पेय जलापूर्ति न होने से बच्चों को परेशानी तो होती ही है साथ ही मध्यान्ह भोजन बनाने में भी कठिनाई आती है। खंड शिक्षा अधिकारी विजय आनंद का कहना है कि जो भी हैंडपंप खराब हैं उसे ठीक कराया जा रहा है। इस विद्यालय का हैंडपंप भी जल्द ही ठीक हो जायेगा।