पुल निर्माण से समय की होगी बचत : विधायक
सिद्धार्थनगर : तहसील क्षेत्र अंतर्गत भालूकोनी, राजा फार्म घाट कोनार गांव के दक्षिण जहदा घाट पर आने जाने के लिए ग्रामीणों द्वारा बांस बल्ली के सहारे कुआनो नदी पर अस्थाई पुल बनाया था। जिसके सहारे उक्त तीनों गांवों के लोगों का आवागमन होता था
सिद्धार्थनगर :
तहसील क्षेत्र अंतर्गत भालूकोनी, राजा फार्म घाट कोनार गांव के दक्षिण जहदा घाट पर आने जाने के लिए ग्रामीणों द्वारा बांस बल्ली के सहारे कुआनो नदी पर अस्थाई पुल बनाया था। जिसके सहारे उक्त तीनों गांवों के लोगों का आवागमन होता था। परंतु बारिश के मौसम में नदी का जलस्तर बढ़ने से रास्ता अवरूद्ध हो जाता। ऐसे में उक्त गांवों के लोगों को आवागमन में दूसरे मार्ग का सहारा लेना पड़ रहा था। आवागमन सुगम बनाने के लिए विधायक राघवेन्द्र प्रताप ¨सह ने राजाफार्म घाट पर शुक्रवार को पक्के पुल का शिलान्यास किया।
क्षेत्र में पक्का पुल या तो चन्द्रदीप या तो अड़वा घाट पर था। परंतु इन दोनों पक्के पुल की आपसी दूरी करीब पचीस किमी है। जिसके कारण लोगों को काफी चक्कर लगाकर सफर करना पड़ता था। ग्रामीणों ने लकड़ी का पुल बनाकर दूरी कम तो कर दी थी, परंतु बरसात के मौसम में नदी का जलस्तर बढ़ने से तीनों जगह बने लकड़ी के पुल बह गए। जिससे क्षेत्रीय लोगों को आवागमन के लिए मजबूरी में उक्त दोनों पक्के पुल का सहारा लेना पड़ता था। इसी बीच विधायक के प्रयास से राजाफार्म स्थित घाट पर पांच करोड़ तिरसठ लाख की लागत का पुल पास हुआ, जिसका शिलान्यास पूजन अर्चन व विधि विधान से किया गया। पुल निर्माण से सिद्धार्थनगर जिले के बीरपुर, हबीबपुर, पथरपुरवा, अहिराडीहा, चकफतवा, परसा हेतीम, बनकटी, पिपराहवा, कारेखूट, मझरतिया, सागररौजा, मझारी, परसा मुर्तजा, खखरगड्डी, गुलरिहा, पिरैली, भूईगांवा, देईपार, भालूकोनी, जंगलीपुर, भानपुररानी, रठैना, कोनार आदि गांवों से लोग भालूकोनी घाट, राजा फार्म घाट, जहदा घाट पर बने लकड़ी के पुल से बस्ती जनपद के लमुईया, भोलापुर, चंदोखा, शंकरपुर आदि गांव तथा गोंडा जिले के बेलभऊर, अचलपुर, लक्ष्मण पुर, अल्लीपुर, घनश्यामपुर,बरहिया आदि गांव के लोगों को लाभ मिलेगा। अभियंता मनोज कुमार श्रीवास्तव, बनवारी लाल सहायक अभियंता, एसके निरंजन सेतु निगम बस्ती, राहुल ¨सह, संतोष सैनी, अनिल सोनी, विनोद दुबे, संतोष पासवान, दयावान, रामफेर, धर्मराज, राहुल गौड़, अजय वर्मा, विनोद कौशल, सालिकराम, मुक्तिनाथ, लल्ला, वासुदेव, रामसनेही, रामऔतार आदि मौजूद रहे।