भरत मिलाप व सीता हरण प्रसंग का किया मंचन
सिद्धार्थनगर : आदर्श नवयुवक रामलीला समिति के तत्वावधान में ग्राम सहिजवार में चल रही रामलीला में बीती शनिवार की रात कलाकारों ने भरत मिलाप व सीता हरण प्रसंग का सुंदर तरीके से मंचन किया। जिसे देख श्रोता भाव विभोर हो उठे
सिद्धार्थनगर :
आदर्श नवयुवक रामलीला समिति के तत्वावधान में ग्राम सहिजवार में चल रही रामलीला में बीती शनिवार की रात कलाकारों ने भरत मिलाप व सीता हरण प्रसंग का सुंदर तरीके से मंचन किया। जिसे देख श्रोता भाव विभोर हो उठे।
कलाकारों ने दिखाया कि भरत, श्री राम को अयोध्या वापस लाने के लिए नगर वासियों के साथ चित्रकूट पहुंचे, जहां पर राम-सीता व लक्ष्मण साथ में रह रहे थे। भरत ने राम से कहा कि भइया अब आप अयोध्या चलें और स्वर्गवासी पिता की इच्छानुसार राज गद्दी संभालें। राम ने कहा, कैसी बात कर रहे हो भरत, पिता के आदेश पर ही हम चौदह वर्ष के लिए वन आए हैं, यदि वापस चले गए तो उनका अपमान होगा। भरत ने कहा हम शत्रुघ्न के साथ वनवास की बाकी अवधि बिताएंगे आप अयोध्या की राजगद्दी संभालें। दोनों भाइयों की प्रेम व भक्ति ने दर्शकों का मन मोह लिया। अंत में भरत प्रभु की चरण पादुका को आशीर्वाद रूप में लेकर उनके प्रतिनिधि के रूप में शासन करने को राजी हुए फिर अयोध्या वापस लौटे। इसके बाद सूर्पनखा के नाक कान काटने, खर दूषण बध व सीताहरण का मंचन करते हुए कलाकारों ने खूब वाहवाही बटोरी। कार्यक्रम के दौरान राधा-कृष्ण की झांकी निकाली गई। जिसे देख श्रोता मंत्रमुग्ध हो उठे।
संचालन डा. राम प्रताप चौधरी ने किया। मथुरा प्रसाद जयसवाल, रामपाल यादव, ध्रुप यादव, प्रदीप कुमार चौधरी, कुक्कू, विजय कुमार ¨सह, भोले, पन्नू यादव, अरूण कुमार, आन्ही, रामशेष मिश्र, बब्बू रावत, लालू, राजकुमार, संतोषी आदि उपस्थित रहे।