जर्जर पोल के सहारे हो रही बिजली की आपूर्ति
सौभाग्य योजना के तहत गांव में विद्युतीकरण का कार्य कराया जा रहा है, ताकि गरीबों के घर भी बिजली की रोशनी पहुंच सके। वहीं आज भी कई गांव ऐसे हैं जहां बांस-बल्ली के सहारे बिजली सप्लाई दी जा रही
सिद्धार्थनगर: सौभाग्य योजना के तहत गांव में विद्युतीकरण का कार्य कराया जा रहा है, ताकि गरीबों के घर भी बिजली की रोशनी पहुंच सके। वहीं आज भी कई गांव ऐसे हैं जहां बांस-बल्ली के सहारे बिजली सप्लाई दी जा रही है। वर्षों लगे लकड़ी के पोल जर्जर हो चुके हैं, वहीं तार खराब होकर टूटकर गिर रहे है। इससे ग्रामीणों में हमेशा अनहोनी का भय बना रहता है। जिम्मेदारों से लगायत जनप्रतिनिधि का दरवाजा खटखटाने के बाद भी ग्रामीणों की समस्या सुनने वाला कोई नहीं। इससे उपभोक्ताओं में रोष है।
विकास खंड जोगिया क्षेत्र के ग्राम पंचायत देवरा बाजार में 1975 में लकड़ी का लगा 14 पोल पूरी तरह जर्जर हो गया है। जिसपर खींचे हुये विद्युत तार ग्रामीणों को मौत के साये में जीने को विवश किये हैं। मस्जिद के सामने लगा लकड़ी का पोल तेज हवा चलते ही लहराने लगता है। जो नमाजियों के लिये खतरा बना रहता है। कब ये जर्जर पोल तार सहित धराशायी होकर किसी बड़ी घटना को अंजाम दे दे कुछ कहा नहीं जा सकता है। ऐसा नहीं कि जर्जर लकड़ी के पोल से निजात पाने को ग्रामीणों ने फरियाद नहीं किया, कई बार लिखित मौखिक शिकायत के बाद भी कोई सुनने वाला नहीं। मुख्तार अली, हाजी साहब, शमशुल्लाह, अशरफ, मुस्तकीम, मो. जमील, रिजवान, अजीमुल्लाह आदि ग्रामीणों ने बताया कि 2012 से लगातार विद्युत विभाग को पत्र भेजा जा रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि अक्टूबर 2017 को स्थानीय विधायक श्यामधनी राही ने अधिशासी अभियंता विद्युत को फोन से मामले को अवगत कराते हुए पोल को बदलवाने के लिये कहा था। ग्राम प्रधान रत्नेश ¨सह ने हाल ही में पांच अक्टूबर 2018 को अधिशासी अभियंता को पत्र लिखकर जर्जर पोल को बदलने की मांग किया। पर विद्युत विभाग आज तक उदासीन बना हुआ है। ग्रामीणों का कहना है अगर जर्जर पोल बिजली सप्लाई रहते गिरा तो कई लोगों की जान जा सकती हैं। इस संबंध में अधिशासी अभियंता विद्युत का कहना है कि मामले की जानकारी है। जल्द ही स्टीमेट बनवाकर लकड़ी के पोल बदलवा दिये जाएंगे।