पीड़ित किशोरों के इलाज की व्यवस्था करेगी एसजेपीयू
किशोर अपराधियों को भटकते राह से बचाने के लिए शासन ने नई पहल की है। अब सभी जिलों में एसजेपीयू यानी विशेष किशोर पुलिस इकाई का गठन किया जाएगा। इन्हें कई जिम्मेदारियां सौंपी जाएगी। इस इकाई में स्थानीय पुलिस कर्मी ही शामिल किए जाएंगे।
सिद्धार्थनगर : किशोर
अपराधियों को भटकते राह से बचाने के लिए शासन ने नई पहल की है। अब सभी जिलों में एसजेपीयू यानी विशेष किशोर पुलिस इकाई का गठन किया जाएगा। इन्हें कई जिम्मेदारियां सौंपी जाएगी। इस इकाई में स्थानीय पुलिस कर्मी ही शामिल किए जाएंगे। किशोर अपराधियों की पहचान छिपाते हुए पुलिस काम करेगी। यदि कोई गंभीर बीमारी से ग्रसित है तो उसका इलाज भी करवाएगी। अपर पुलिस अधीक्षक को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। इसके लिए डीजीपी कार्यालय से दिशा-निर्देश जारी किए गये हैं।
विशेष किशोर पुलिस इकाई ऐसे किशोरों की पूरी पहचान छिपाते हुए काम करेगी, जो किसी अपराध में संलिप्त रहे है। लै¨गक अपराध से उत्पीड़ित किशोर के संबंध में भी इन नियमों का अनुपालन किया जाएगा। अगर किसी आपात चिकित्सा देखरेख की आवश्यकता है तो पुलिस इसकी व्यवस्था करेगी। नमूना को एकत्र कर जल्द से जल्द प्रयोगशाला व न्यायालय को भेजा जाएगा। बालक से पूछने के बाद एसजेपीयू यह निर्णय करेगी कि पीड़ित बालक को माता-पिता, संरक्षक व अन्य व्यक्ति के साथ भेजे या नहीं। पीड़ित बालक को अगर किसी प्रकार की चिकित्सा सुविधा की आवश्यकता है तो एसजेपीयू निजता को ध्यान में रखते हुए आपात व्यवस्था करना सुनिश्चित करेगी। लै¨गक परिषित रोग (एसटीडी) का उपचार यथा संभव प्राथमिकता पर कराया जाएगा। संक्रामक रोग विशेषज्ञ से परामर्श लेने के बाद एचआईवी (ह्यूमन इम्यूनोडे¨फसी वायरस) रोग का भी उपचार कराया जाएगा। यूनिट के सदस्य की जिम्मेदारी होगी कि माता-पिता व संरक्षक के साथ आपात गर्भ निरोधक के साथ वह गर्भ निरोधक के संबंध में चर्चा करें। मानसिक रोग विशेषज्ञ व मनोवैज्ञानिक चिकित्सकों से परामर्श भी लिया जाएगा।
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पुलिस मुख्यालय से मिले दिशा-निर्देशों का अनुपालन कराया जाएगा। लै¨गक अपराध से पीड़ित किशोर के चिकित्सीय व्यवस्था को सुनिश्चित किया जाएगा। ऐसे किशोरों की निजता को बनाए रखने के लिए पूर्व में ही निर्देशित किया जा चुका है।
सुनील कुमार ¨सह
प्रभारी अपर पुलिस अधीक्षक