लावारिस शवों का नहीं ढूंढ पाए ठिकाना
पिछले पांच माह में चार लावारिस शव का पुलिस नाम- पता नहीं ढूंढ पाई हैं। इसमें दो पुरुषों की हैं और दो महिलाओं की हैं। पुलिस के पास इन मृतकों के कद काठी व उनके शरीर पर मौजूद कपड़ों के अलावा पुलिस के पास कोई विवरण नहीं हैं। पांच माह में पुलिस की जानकारी में कोई वृद्धि नहीं हुई है। हां इसके अलावा पांच माह में मिले चार शवों की शिनाख्त पुलिस कर चुकी है
सिद्धार्थनगर : पिछले पांच माह में चार लावारिस शव का पुलिस नाम- पता नहीं ढूंढ पाई हैं। इसमें दो पुरुषों की हैं और दो महिलाओं की हैं। पुलिस के पास इन मृतकों के कद काठी व उनके शरीर पर मौजूद कपड़ों के अलावा पुलिस के पास कोई विवरण नहीं हैं। पांच माह में पुलिस की जानकारी में कोई वृद्धि नहीं हुई है। हां इसके अलावा पांच माह में मिले चार शवों की शिनाख्त पुलिस कर चुकी है।
अभी पांच माह भी नहीं बीते हैं कि जिले में कुल आठ अज्ञात लाशें मिल चुकी हैं। इसमें से चार की शिनाख्त हो चुकी है। इसमें से चार शव रेल पटरियों पर देखे गए थे। अन्य की लोकेशन अन्यत्र पाई गई। शवों का शिनाख्त न होना पुलिस की भूमिका पर भी बड़ा सवाल है।
---
अज्ञात शवों को लेकर कटघरे में पुलिस
थाने पर गश्त के अलावा कोबरा की टीमें जगह-जगह फुफकार रहीं हैं। बावजूद इसके लाशें जिले में कैसे आईं तो उनकी शिनाख्त क्यों नहीं हो सकी। सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर पुलिस कर क्या रही है?
----
पांच माह में इन शवों का नहीं हो सका शिनाख्त
19 फरवरी 2018- थाना चिल्हिया। 35 वर्षीय पुरुष की लाश मिली। इकहरा जिस्म नाक कान कद औसत, गंदुम रंग दिव्यांग। पहनावा सफेद शर्ट लाइनदार लाल जैकेट
18 मार्च 2018- थाना ढेबरुआ। 42 वर्षीय व्यक्ति का शव मिला। उसकी लंबाई साढ़े पांच फिट करीब, शरीर की बनावट इकहरा बदन, रंग गेहुंआ, आंखों का रंग औसत। पहनावा- लाल-काले रंग की शर्ट पहले हुए
4 अप्रैल 2018- मोहाना थाना। बच्ची का शव पाया गया।
8 अप्रैल 2018- शोहरतगढ़ थाना । 32 वर्षीया महिला का शव मिला। चेहरा विकृत होने के कारण स्पष्ट नहीं हो सका। मृतका कत्थई रंग की साड़ी पहने हुए थी।
----
राज बनकर रह गई ये मौतें
13 जून 2016- बांसी कोतवाली के फजिहतवा नाले पर अधजली युवती की लाश मिली। घटनास्थल के पास घास जली हुई थी। पास में पुलिस को कुछ खाली शराब की बोतलें भी मिलीं। घटनास्थल के पास मिले साक्ष्य स्पष्ट इशारा कर रहे थे कि युवती की हत्या की गई। इस मामले में अब तक मृतका की शिनाख्त तक नहीं हुई, हत्या का खुलासा तो दूर की बात है। यहां सभी अज्ञात शव सुबह देखे गए। स्पष्ट है कि इनकी स्वाभाविक मौत हुई हो अथवा हत्या रात में ही हुई है। यह स्थिति तब है, जब पुलिस रात में एक-एक वाहन चेक रही है। शव घटनास्थल पर बिना वाहन के पहुंच नहीं सकते। उन्हें ले जाने के लिए किसी न किसी वाहन का प्रयोग अवश्य हुआ है। ऐसे में पुलिस गश्त भी कर ले और कोई सड़क से लेकर आराम से चला भी जाए, संभव नहीं। पुलिस ढंग से गश्त नहीं कर रही अथवा कोई उनसे मिला हुआ है। कई मामले ऐसे भी है, जिन पर समय के साथ पुलिस ने ध्यान ही नहीं दिया।
----
गंगाधरपुर में भी मिली थी लाश
पांच वर्ष पूर्व उस्का क्षेत्र के गंगाधरपुर में पेड़ से लटकती एक महिला की लाश मिली। पुलिस ने इसे हत्या माना, बावजूद इसके न तो हत्यारों का पता चला और न ही मृतका की शिनाख्त की जा सकी। चार वर्ष पूर्व नगर के पंजाब नेशनल बैंक के सामने एक व्यक्ति का शव पाया गया था। पुराने मामले दिन बीतने के साथ दफन होते जा रहे हैं, पर पुलिस मौत का खुलासा कर पाने में नाकाम हैं।
----
शवों के शिनाख्त की कोशिश की जाती है। कई शिनाख्त भी हुई है। वर्तमान में जिन शवों का शिनाख्त नहीं हो सका है। उसे लेकर भी छानबीन जारी है।
डा.धर्मवीर ¨सह
पुलिस अधीक्षक