जमीन की लूट, भू-माफिया को खुली छूट
मुख्यमंत्री की सख्ती के बाद भी प्रशासन भू-माफिया पर हाथ डालने से कतरा रहा है। गांव से लेकर शहर तक सरकारी बेशकीमती भूमि पर कब्जा जमाए बैठे हैं। जिले में 15 भू-माफिया घोषित हैं इन पर आज तक कार्रवाई नहीं की गई।
सिद्धार्थनगर: मुख्यमंत्री की सख्ती के बाद भी प्रशासन भू-माफिया पर हाथ डालने से कतरा रहा है। गांव से लेकर शहर तक सरकारी बेशकीमती भूमि पर कब्जा जमाए बैठे हैं। जिले में 15 भू-माफिया घोषित हैं, इन पर आज तक कार्रवाई नहीं की गई।
सदर तहसील क्षेत्र के बर्डपुर के मधुबेनिया में सड़क के सटे एक भूमि को माफिया द्वारा बेचे जाने का मामला सामने आया है। बांसी तिराहे पर पीडब्ल्यूडी की भूमि पर एक माफिया का भवन बना हुआ है। प्रशासन की लिस्ट में इसका नाम नहीं है। सिचाई विभाग के जगदीशपुर माइनर की भूमि पर पक्के मकान बना लिए गए हैं। विकास भवन के सामने महनगा रोड पर एक माफिया ने सरकारी भूमि पर कब्जा कर लिया है। नौगढ़ कस्बे के बुद्धनगर, राम नगर के पोखरे पर कब्जा है। एक सेवानिवृत्त अर्दली ने करोड़ों की सरकारी भूमि पर कब्जा कर रखा है। सब्जी मंडी के पूरब पड़ाव में करीब तीन बीघे का पोखरा पूरी तरह से कब्जे का शिकार है। शोहतगढ़ में एक माफिया ने करीब डेढ़ सौ बीघा सरकारी भूमि पर कब्जा जमाया हुआ है।
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यहां एक भी भू-माफिया नहीं.
प्रशासन की नजर में सदर थाना क्षेत्र में एक भी भू-माफिया नहीं हैं। जिले में 102 ऐसी भूमि हैं, जिन पर अतिक्रमण की शिकायत प्रशासन की लिस्ट में है। सर्वाधिक शोहरतगढ़ में 83 शिकायतें दर्ज की गई हैं। बांसी में सात, शोहरतगढ़ में पांच भू-माफिया हैं, जिनके कब्जे में बेशकीमती सरकारी भूमि है।
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जहां भी सरकारी भूमि पर कब्जा है, वहां के एसडीएम और तहसीलदार से रिपोर्ट मांगी गई है। जो भी भू-माफिया हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई प्रचलन में है। यदि नक्शे में फेरबदल किया जा रहा है तो यह और भी गंभीर अपराध है। ऐसे राजस्वकर्मियों पर भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके इतर हर तहसील से दो-दो भू-माफिया को चिन्हित करने के निर्देश दिए गए हैं।
दीपक मीणा, जिलाधिकारी