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पांच लाख खर्च पर बंदर बेखौफ

वन विभाग ने बंदरों के पकड़ने पर पांच लाख रुपये खर्च कर दिए लेकिन अभी तक इनसे मुक्ति नहीं मिल पायी है। रेलवे स्टेशन बस स्टेशन सब्जी मंडी और तेतरी बाजार सहित प्रमुख स्थानों पर बंदरों का उत्पात देखा जा रहा है। डाल पर ही नहीं बिजली के तार पर भी बंदर धमाचौकड़ी मचा रहे

By JagranEdited By: Published: Wed, 26 Feb 2020 11:16 PM (IST)Updated: Thu, 27 Feb 2020 06:06 AM (IST)
पांच लाख खर्च पर बंदर बेखौफ
पांच लाख खर्च पर बंदर बेखौफ

सिद्धार्थनगर : वन विभाग ने बंदरों के पकड़ने पर पांच लाख रुपये खर्च कर दिए, लेकिन अभी तक इनसे मुक्ति नहीं मिल पायी है। रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन, सब्जी मंडी और तेतरी बाजार सहित प्रमुख स्थानों पर बंदरों का उत्पात देखा जा रहा है। डाल पर ही नहीं बिजली के तार पर भी बंदर धमाचौकड़ी मचा रहे हैं। ये बंदर पलक झपकते ही छतों से सामान भी गायब कर देते हैं। लोगों के कपड़े भी सुरक्षित नहीं रह पाते।

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वन विभाग के अभियान और दावे खोखले साबित हुए हैं। बंदरों पांच लाख और बजट की मांग की गई है। एक बंदर पकड़ने के लिए पंद्रह सौ रुपये खर्च आता है। विभाग का दावा है कि शहर सहित विभिन्न स्थानों से पकड़े गए 443 बंदरों को सुरक्षित स्थान पर छोड़ भी दिया गया। इन्हें पकड़वाने में वन विभाग डेढ़ लाख कर्ज भी हो गया है। रात के अंधेरे में इन्हें पकड़ा भी गया। जंगलों में छोड़ा भी दिया गया। लेकिन इनकी संख्या में कहीं कमी नहीं दिख रही है। एसडीओ वन पीके त्रिपाठी ने बताया कि बंदरों को पकड़ने के लिए पांच लाख रुपये मिले थे। खर्च हो गए। डेढ़ लाख रुपये कर्ज भी हो गया है। शासन को पांच लाख रुपये की डिमांड भेजी गई है। जैसे ही बजट आता है, फिर बंदरों को पकड़ने का अभियान चलाया जाएगा।


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