बूथों की पड़ताल: यूपी की इस लोकसभा सीट पर बूथ को बता रहे तैयार, अभी करना होगा यह सुधार
Dumariyaganj lok sabha election सिद्धार्थनगर जिले की डुमरियागंज लोकसभा क्षेत्र में मतदान को लेकर प्रशासन तैयारी में जुटा है। बूथों को बेहतर बनाने की कवायद चल रही है। दावा तो है कि तैयारी पूरी कर ली गई है बूथ मतदान के लिए तैयार हैं लेकिन जमीनी हकीकत इससे कुछ अलग है। तैयारी की जरूर गई है लेकिन अभी भी काफी कुछ करना शेष है।
लोकसभा सामान्य निर्वाचन 2024 के अंतर्गत बस्ती मंडल में 25 मई को मतदान होगा। यह छठवां चरण है और गोरखपुर-बस्ती मंडल की नौ में से तीन सीटों पर इसी दिन वोट डाले जाएंगे। सिद्धार्थनगर जिले की डुमरियागंज लोकसभा क्षेत्र में मतदान को लेकर प्रशासन तैयारी में जुटा है। बूथों को बेहतर बनाने की कवायद चल रही है।
दावा तो है कि तैयारी पूरी कर ली गई है, बूथ मतदान के लिए तैयार हैं लेकिन जमीनी हकीकत इससे कुछ अलग है। तैयारी की जरूर गई है लेकिन अभी भी काफी कुछ करना शेष है। शहर क्षेत्र के बूथों पर स्थिति चकाचक है लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में कहीं झाड़ियां नजर आ रही हैं तो कहीं रैंप टूटे हुए हैं। पोलिंग पार्टियों मेंं शामिल कर्मचारियों एवं मतदाताओं की सुविधा के इंतजाम करने का निर्देश चुनाव आयोग ने दिया है।
कई बूथों पर तो शौचालय की दशा काफी खराब थी। कई स्थानों पर पीने के पानी के लिए इंडिया मार्क हैंडपंप पर ही निर्भरता है लेकिन कई हैंडपंप खराब पड़े हैं। दैनिक जागरण की टीम ने बूथों पर तैयारी को लेकर पड़ताल की तो कई स्थानों पर कमियां मिलीं। जिले के विभिन्न विधान सभा क्षेत्रों में बने बूथों पर उपलब्ध सुविधाओं व मिली कमियों की ओर इंगित करती रिपोर्ट...
डुमरियागंज लोकसभा क्षेत्र में चुनाव को लेकर पिछले डेढ़ माह से तैयारी चल रही है। जिला प्रशासन ने 100 नोडल अधिकारियों को मतदेय स्थलों की व्यवस्था ठीक कराने के लिए लगाया गया है। इससे अधिकांश बूथों की दशा में सुधार हुआ है, लेकिन अभी भी बहुत काम बाकी है। इस पर गंभीरता नहीं बरती गई तो चुनाव में मतदान कर्मियों को बड़ी समस्या हो सकती है। जिले में कई ऐसे मतदेय स्थल हैं, जहां रैंप छोड़कर कुछ भी ठीक नहीं है।
जिला मुख्यालय से मात्र चार किलोमीटर की दूरी पर स्थित प्राथमिक विद्यालय बड़गो में तीन बूथ बनाए गए हैं। विद्यालय गेट के दक्षिण तरफ का फाटक दो वर्ष पहले टूट कर गिर गया है। वह अभी तक नहीं बन सका है। विद्यालय के पूरब तरफ की चहारदिवारी दो वर्ष पहले टूट चुकी है। सुरक्षा के लिए टूटे हिस्से को कांटे से घेरा गया है।
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हरिबंधनपुर प्राथमिक विद्यालय में नहीं बनी चहारदीवारी
इटवा तहसील क्षेत्र में कुछ मतदान केंद्रों बाउंड्री की समस्या अभी भी बनी हुई है। ऐसा ही हरिबंधनपुर स्थित प्राथमिक विद्यालय में पेयजल, बिजली, साफ-सफाई व्यवस्था में सुधार हुआ है, लेकिन बाउंड्रीवाल नहीं बन सकी है। यहां सिर्फ एक ही शौचालय है। जबकि बूथ पर कम से कम दो शौचालय की सुविधा होनी चाहिए। जिससे आवश्यकता पड़ने पर महिला एवं पुरुष कर्मी अलग-अलग शौचालय का प्रयोग कर सकें। इटवा, कमदा, महादेव, पुरैना सहित अन्य बूथों की स्थिति में सुधार किया गया है।
सेखुई ताज में रैंप टूटा, शौचालय भी उपयोग के लायक नहीं
डुमरियागंज तहसील के प्राथमिक विद्यालय सेखुई ताज में दो बूथ बनाए गए हैं। यहां रैंप टूटा हुआ है। विद्यालय में शौचालय है लेकिन उसका उपयोग नहीं किया जा सकता है। शौचालय देखने से प्रतीत होता है, जैसे एक वर्ष से उसकी सफाई ही नहीं हुई है। विद्यालय में रैंप है लेकिन टूटा हुआ है। ऐसे में यहां मतदाता व मतदान कर्मियों दोनों को जूझना पड़ेगा।
प्राथमिक विद्यालय भारतभारी व पूर्व माध्यमिक विद्यालय भारतभारी को बूथ बनाया गया है। दोनों बूथों पर लगे इंडिया मार्क हैंडपंप दूषित जल दे रहे हैं। चौकियां नही बनी हैं। दोनों विद्यालयों पर कुल छह इंडिया मार्क हैंडपंप हैं। तीन से पानी ही नहीं आ रहा है। तीन से दूषित जल निकल रहा है। शौचालय में पानी की व्यवस्था नहीं है।
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बड़गो प्राथमिक विद्यालय के भवन को विभाग ने नहीं किया ध्वस्त, छत से टूटता है प्लास्टर
प्राथमिक विद्यालय बड़गो का भवन वर्ष 1990 में बना हुआ था। देखरेख के अभाव में भवन जर्जर हो चुका है। विद्यालय की छत से आये दिन प्लास्टर गिरता रहता है। गनीमत है कि अभी तक वहां पर पढ़ने वाले बच्चे उसकी चपेट में नहीं आये हैं। विद्यालय की प्रधानाध्यापक बताती हैं कि वह लगातार इसके लिए पत्र व्यवहार कर रही हैं कि भवन को ध्वस्त किया जाए, लेकिन अभी तक इसे विभाग ने परित्यक्त श्रेणी में नहीं डाला है।
रंगाई-पुताई के अभाव में विद्यालय बदरंग हो चुका है। विद्यालय का हैंडपंप खराब है। चहारदिवारी जगह-जगह से टूटी हुई है। विद्यालय में लगा पंखा खराब है। यहां से तीन किलोमीटर दूर स्थित सेमरनार व दो किलोमीटर दूर स्थित चाईडीह के लोग यहां मतदान करने आते हैं। बूथ तक पहुंचने का रास्ता भी नहीं ठीक है।
इस विद्यालय में शौचालय तो है, लेकिन उसका उपयोग नहीं किया जा सकता है। टंकी को जोड़ने वाली पाइप टूट गई। इससे पानी की टंकी गिर गई। शौचालय में पानी की व्यवस्था नहीं होने से लोग उसका उपयोग ही नहीं करते हैं। कुछ ठीक है तो विद्यालय का रैंप। विद्यालय की प्रधानाध्यापक कहती हैं कि मार्च अंतिम सप्ताह में होली के बाद बजट आया है। विद्यालय के रंगरोगन की तैयारी की जा रही है।
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शोहरतगढ़ के गड़ाकुल में तीन हैंडपंप, सभी खराब
शोहरतगढ़ तहसील क्षेत्र में 410 बूथ बनाए गए है। परिषदीय विद्यालय गड़ाकुल में तीन इंडिया मार्क हैंडपंप हैं, लेकिन उपयोग के लायक एक भी नहीं हैं। यही स्थिति करौंदा मसिना के भी विद्यालय स्थित बूथ की भी है। शोहरतगढ़ ब्लाक के परिषदीय विद्यालय डोहरिया बुजुर्ग में शौचालय निर्माणाधीन है। भवन का रंगाई पुताई नहीं हुई है, परिसर में गंदगी पसरी रहती है। परिषदीय विद्यालय करहिया में शौचालय में गंदगी और पानी भरा हुआ है। विद्यालय में रैंप नहीं है। परिषदीय विद्यालय चेतरा में रैंप क्षतिग्रस्त है। बिजली की व्यवस्था भी नहीं है।
यहां पूरी है तैयारी
जिला मुख्यालय से तीन किलोमीटर दूर स्थित कंपोजिट विद्यालय रेहरा में सारी व्यवस्था सुदृढ़ है। वहां पिंक शौचालय की व्यवस्था है तो दिव्यांग के लिए रैंप युक्त शौचालय का भी निर्माण किया गया है। विद्यालय जाने का रास्ता है तो सभी कमरों में पंखे चलते मिलेंगे। रेहरा इकलौता ऐसा विद्यालय नहीं है, जहां सारी व्यवस्थाएं बेहतर हो गई हैं। अन्य विद्यालयों की स्थिति में भी सुधार हुआ है।