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अब नेपाल में अपराधियों को नहीं मिल सकेगी शरण

भारत व नेपाल के अधिकारियों ने गुरुवार को पुलिस लाइन सभागार में बैठक की। साझा अपराध नियंत्रण अभियान चलाने की रणनीति तैयार की। शातिर अपराधियों के नाम की सूची व उनके लोकेशन आदान-प्रदान किया जाएगा। तस्करी पर रोकथाम लगाने की रूपरेखा तैयार की गई।

By JagranEdited By: Published: Thu, 14 Oct 2021 11:59 PM (IST)Updated: Thu, 14 Oct 2021 11:59 PM (IST)
अब नेपाल में अपराधियों को नहीं मिल सकेगी शरण
अब नेपाल में अपराधियों को नहीं मिल सकेगी शरण

सिद्धार्थनगर : भारत व नेपाल के अधिकारियों ने गुरुवार को पुलिस लाइन सभागार में बैठक की। साझा अपराध नियंत्रण अभियान चलाने की रणनीति तैयार की। शातिर अपराधियों के नाम की सूची व उनके लोकेशन आदान-प्रदान किया जाएगा। तस्करी पर रोकथाम लगाने की रूपरेखा तैयार की गई। अभियान से नेपाल में शरण लेने वाले अपराधियों की अब खैर नहीं होगी। न ही नेपाल में अपराध को अंजाम देकर भारत आने वालों को पुलिस बख्शेगी।

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भारत के सिद्धार्थनगर जिले के जिलाधिकारी दीपक मीणा ने कहा खुला सीमाई क्षेत्र होने के कारण यह हमेशा से संवेदनशील है। दोनों देश की सुरक्षा एजेंसियां बार्डर पर चेकिग अभियान चलाती रहती हैं। अराजकतत्वों को चिह्नित किया जा रहा है। त्योहार को लेकर बार्डर पर सतर्कता बढ़ाई गई है। नेपाल की सुरक्षा एजेंसी इसमें सहयोग करें। बार्डर पार करने वालों की सघन चेकिग की जाए। नेपाल के कपिलवस्तु जिला के सीडीओ (जिलाधिकारी) दान बहादुर कार्की ने कहा भारत व नेपाल के बीच रोटी-बेटी का रिश्ता है। कोरोना संक्रमण के कारण करीब डेढ़ वर्ष तक सीमा सील रही। इस दौरान केवल आवश्यक सामग्री, एंबुलेंस व मरीज को ही आने-जाने की अनुमति प्रदान की गई थी। अब सीमा खोल दी गई है, नेपाल में प्रवेश करने के लिए कोरोना जांच रिपोर्ट दिखाना अनिवार्य है। पुलिस अधीक्षक डा. यशवीर सिंह ने बताया कि भारत-नेपाल के अधिकारियों की समन्वय बैठक हर छह माह पर होती है। कोरोना काल के बाद यह पहली बैठक है। उन्होंने अपराधियों की सूची सौंपते हुए नेपाल के कपिलवस्तु के अधीक्षक को बताया कि शातिर आरोपित राशिद नसीम की खोज आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) कर रही है। इसके पांच साथी भी फरार हैं। जिनके ऊपर इनाम भी घोषित किया गया है। इनके साथियों के नेपाल में छिपे होने की संभावना व्यक्त की जा रही है। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि सीमा पर सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। आपराधिक गतिविधियों पर निगाह रखी जा रही है। सीमा पर मानव व मादक पदार्थ तस्करी के मामले पकड़ में आते रहते हैं। इसपर रोक लगाने की आवश्यकता है। दोनों देश की पुलिस को मिलकर साझा अभियान चलाए। इसके लिए रूपरेखा तैयार की जाएगी। अपराध पर नियंत्रण व सीमा पार गतिविधियों पर भी निगाह रखने की जरूरत है। ऐसे अपराधी जो दस वर्ष की अवधि में प्रकाश में हैं, इनकी सूची सौंपी जाएगी। इनका सत्यापन करके शातिर पर ²ष्टि रखी जाएगी। बार्डर पर दोनों देश के नियुक्त एसओ, चौकी प्रभारी व पुलिस अधिकारियों का एक संयुक्त वाट्सएप ग्रुप बनाया जाएगा। जिससे सूचनाओं को भेजने व एक-दूसरे के सहयोग व समन्वय बना रहे। संचालन एएसपी सुरेश चंद्र रावत ने किया। नेपाल के कपिलवस्तु जिला के पुलिस अधीक्षक धारूबा बहादुर कार्की, कमांडेंट एसएसबी 43वीं वाहिनी अमित सिंह, एसडीएम सदर विकास कश्यप, शोहरतगढ़ शिवमूर्ति सिंह, सीओ सदर प्रदीप कुमार यादव, शोहरतगढ़ राणा महेंद्र प्रताप सिंह, एसओ सदर केडी सिंह, शोहरतगढ़ आरबी सिंह, ढेबरुआ ब्रह्मानंद गौड़ आदि मौजूद रहे।


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