अधूरा पड़ा एएनएम सेंटर, जिम्मेदार अंजान
स्वास्थ्य विभाग के खेल भी निराले हैं। विभागीय शिथिलता की ही देन है कि भवन निर्माण हेतु सात वर्ष पूर्व धनराशि निकाले जाने के बाद भी वह अभी अपूर्ण है। गर्भवती व धात्री महिलाओं को गांव में स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने की शासन की मंशा दम तोड़ रही है और जिम्मेदार चुप्पी साधे पड़े हैं।
सिद्धार्थनगर : स्वास्थ्य विभाग के खेल भी निराले हैं। विभागीय शिथिलता की ही देन है कि भवन निर्माण हेतु सात वर्ष पूर्व धनराशि निकाले जाने के बाद भी वह अभी अपूर्ण है। गर्भवती व धात्री महिलाओं को गांव में स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने की शासन की मंशा दम तोड़ रही है और जिम्मेदार चुप्पी साधे पड़े हैं।
एनआरएचएम योजना के तहत 2012 में विभाग द्वारा क्षेत्र के कुंडी ग्राम में एएनएम केंद्र के निर्माण हेतु दो किश्तों में 6.90लाख रुपए ग्राम प्रधान-एएनएम के संयुक्त खाते में भेजा गया। प्रथम किश्त मिलने के बाद काम शुरू हुआ। दूसरी किश्त मिलने के बाद छत तो लदवा दी गई पर उससे आगे कोई काम नहीं करवाया गया। 2015 में ग्राम पंचायत चुनाव के बाद प्रधानी भी बदल गई और निर्माणाधीन भवन लावारिस हो गया। जिससे गांव समेत आस पास के गांवों की गर्भवती व धात्री महिलाओं को नाना प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। केंद्र होने के बावजूद टीकाकरण आदि के लिए एएनएम को इधर-उधर भटकना पड़ता है। यही नही उक्त केंद्र पर स्थायी एएनएम की भी तैनाती नही है। अधीक्षक सीएचसी बेंवा डॉ आरजी ¨सह ने कहा अभी जल्द ही चार्ज लिया हूं। क्यों भवन अपूर्ण है पता करवाता हूं और नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।