टीसी प्रकरण में बीईओ भी दोषी हटाए जाएंगे शिक्षक
शिक्षक निकिता शंखधार ने डीएम और शासन तक पत्र देकर आरोप लगाया था कि उनके यहां तैनात प्रधानाध्यापक द्वारा धमकी दी गई और सरकारी अभिलेखों में बच्चों के नामांकन में हेराफेरी की गई है। पिछले दिनों यह प्रकरण बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार डा. सतीश द्विवेदी के पास पहुंचा था। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए डीएम दीपक मीणा ने जिला विकास अधिकारी शेष मणि सिंह अपर उप जिलाधिकारी शिवमूर्ति सिंह और जिला विद्यालय निरीक्षक अवधेश नारायण मौर्य को जांच के लिए नामित किया था।
सिद्धार्थनगर: पिछले चार वर्षों से त्रिकोणीय लड़ाई में फंसे पूर्व माध्यमिक विद्यालय गंगाधरपुर में अनियमितता और टीसी प्रकरण की जांच पूरी हो गई है। तीन सदस्यीय टीम ने तीन शिक्षकों, और संबंधित बीईओ का बयान दर्ज करते हुए अपनी जांच रिपोर्ट डीएम को सौंप दी है। जांच रिपोर्ट में टीम ने इस प्रकरण में बीईओ को भी दोषी ठहराया है। टीम ने विवाद को समाप्त करने के लिए यहां तैनात रहे तीनों शिक्षकों को दूसरे ब्लाक में स्थानांतरित करने की संस्तुति की है।
शिक्षक निकिता शंखधार ने डीएम और शासन तक पत्र देकर आरोप लगाया था कि उनके यहां तैनात प्रधानाध्यापक द्वारा धमकी दी गई और सरकारी अभिलेखों में बच्चों के नामांकन में हेराफेरी की गई है। पिछले दिनों यह प्रकरण बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार डा. सतीश द्विवेदी के पास पहुंचा था। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए डीएम दीपक मीणा ने जिला विकास अधिकारी शेष मणि सिंह, अपर उप जिलाधिकारी शिवमूर्ति सिंह और जिला विद्यालय निरीक्षक अवधेश नारायण मौर्य को जांच के लिए नामित किया था। जांच टीम ने इस प्रकरण में सहायक अध्यापक निकिता शंखधार,परसा खुर्द के प्रधानाध्यापक अभय श्रीवास्तव और सहायक अध्यापिका नम्रता सिंह के बयान दर्ज किए थे। बयान में निकिता ने जहां नम्रता और अभय पर गंभीर आरोप लगाए हैं, वहीं इन दोनों ने भी निकिता कि खिलाफ साक्ष्य टीम को सौंपा है। तीनों के साक्ष्य और बयान के आधार पर टीम ने निष्कर्ष निकाला है कि 2016 से 2019-20 तक प्रवेश पंजिका पर प्रविष्टियां अत्यंत मनमानी पूर्ण तरीके से की गई है। एक ही छात्र को कई सालों तक रोका गया है तथा डबल प्रविष्टि की गई है। शिक्षिका द्वारा विवाद का मुकदमा भी संबंधित थाने में दर्ज कराया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस प्रकरण में खंड शिक्षा अधिकारी उसका बाजार भी दोषी हैं। पिछले 4-5 वर्षों में किसी भी खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा पंजिका का अवलोकन नहीं किया गया है। अध्यापकों के आपसी विवाद एवं अभिलेखों में गड़बड़ियों का दुष्प्रभाव छात्रों को भुगतना पड़ रहा है। जांच टीम ने रिपोर्ट में कहा है कि तीनों अध्यापकों को इस विद्यालय या इस विकास खंड से हटाकर दूर किसी विद्यालयों में तैनात किया जाना उचित होगा। शिक्षा विभाग के अधिकारियों की टीम बनाकर विशेषकर पंजीकरण रजिस्टर ठीक कराकर छात्रों का टीसी बनवाकर समस्या का समाधान कराए। दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाए।
डीएम दीपक मीणा ने कहा कि मैंने बहुत पहले ही स्कूल का प्रभार प्रधानाध्यापक से लेने के लिए बीएसए को निर्देशित किया था। उन्हें यह भी निर्देश दिए गए हैं कि अभिलेखीय कमियों को ठीक करके बच्चों को टीसी वितरित किया जाय। जांच में संबंधित बीईओ भी दोषी पाए गए हैं। उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।