Move to Jagran APP

ग्रामीण क्षेत्रों में भी गाजे-बाजे के साथ निकली शोभा यात्रा, प्रतिमाओं का विसर्जन

डुमरियागंज में शाम होते-होते उत्साह चरम पर पहुंच गया। भक्ति गीतों की धुन पर भक्त गण झूमते हुए माता की जय-जयकार करते हुए मूर्तियां लेकर विसर्जन स्थल की ओर जाने लगे। विभिन्न स्थानों पर भण्डारा व जल-पान की व्यवस्था की गई।

By JagranEdited By: Published: Sat, 16 Oct 2021 11:27 PM (IST)Updated: Sat, 16 Oct 2021 11:27 PM (IST)
ग्रामीण क्षेत्रों में भी गाजे-बाजे के साथ निकली शोभा यात्रा, प्रतिमाओं का विसर्जन

सिद्धार्थनगर : विजयादशमी की शाम विभिन्न स्थानों पर स्थापित मां दुर्गा की प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया। गाजे-बाजे के साथ शोभा यात्रा निकाली गई। भंडारे का आयोजन भी किया गया। पूजा-अर्चना व भक्ति गीतों से वातावरण गुंजायमान रहा। गांव एवं कस्बों में मेला भी लगा। मिठाई की दुकानों पर ग्राहकों की भीड़ नजर आई।

loksabha election banner

डुमरियागंज में शाम होते-होते उत्साह चरम पर पहुंच गया। भक्ति गीतों की धुन पर भक्त गण झूमते हुए माता की जय-जयकार करते हुए मूर्तियां लेकर विसर्जन स्थल की ओर जाने लगे। विभिन्न स्थानों पर भण्डारा व जल-पान की व्यवस्था की गई। शाम करीब साढे छह बजे से मूर्तियों के विसर्जन का सिलसिला शुरू हुआ तो क्रम देर रात तक जारी रहा। भनवापुर, भवानीगंज, भारतभारी, औराताल, बढ़नी चाफा, धोबहा, मन्नीजोत क्षेत्रों में भी विसर्जन परंपरागत तरीके से शांति पूर्वक हुआ। बांसी में सोमवार की शाम से नगर के राप्ती तट पर बनाए गए अस्थाई तालाब में प्रतिमा विसर्जन किया गया। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट जग प्रवेश व सीओ से पदोन्नति पाए अरुण चंद्र राप्ती तट पर मुस्तैद रहे। शाम पांच बजे से प्रतिमा विसर्जन का जो क्रम शुरु हुआ वह भोर के दो बजे तक चलता रहा। सर्व प्रथम शाम पांच बजे जिगहनिवा की प्रतिमा का विसर्जन राप्ती तट पर किया गया। भोर में दो बजे तक कुल 113 प्रतिमाएं यहां विसर्जित हो गईं। कोतवाली प्रभारी छत्रपाल सिंह मयफोर्स सुरक्षा की कमान संभाले नजर आए।

इटवा कस्बे में जब मां दुर्गा की प्रतिमा उठी, तो विसर्जन जुलूस में पूरा आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार डा. सतीश द्विवेदी भी आरती में भाग लेते हुए जुलूस में सम्मिलित हुए। अबीर-गुलाल से सराबोर दिखाई दिए। मां के जयकारे के साथ भक्ति गीतों पर सभी झूमते आगे बढ़ रहे थे। करहिया पुल, जिगिना धाम, पारसी नाला, महादेव के पास स्थित पुल पर दर्जनों प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया। शोहरतगढ़ सबसे पहले गाजे-बाजे के साथ प्रतिमाओं का शोभायात्रा निकाली गई। गांव एवं चौराहों पर भ्रमण करा कर विसर्जित स्थल पर ले जाया गया। श्रद्धालुओं ने मां से पूरी श्रद्धा के साथ अगले वर्ष फिर आने की कामना की। बसहिया, झुलानीपुर, इमिलिया, खैराबाजार, धनौरा काशीप्रसाद, रोमनदेई, लक्ष्मीनगर, रामगढ़, नौडिहवा, सहिवारे, परिगवा आदि गांव की प्रतिमाओं का विसर्जन बानगंगा नदी के रामगढ़ घाट पर किया गया। गनेशपुर क्षेत्र की प्रतिमाओं का विसर्जन बानगंगा बैराज के पास बानगंगा नदी में हुआ। सिसवा बुजुर्ग, पडरिया, परसा स्टेशन, उतरौला, झिगहा, पचऊध, गडरखा, मोहनकोली आदि का विसर्जन सुरहिया नाले में किया गया। पकड़ी क्षेत्र के बुढ़नइया, लालपुर, खरगवार, पकड़ी, बरैनिया, जमहिरिया, धनगढि़या, मेहनौली, नकाही आदि क्षेत्रों की प्रतिमाएं जमहिरिया नाले में विसर्जित हुई। तुलसियापुर क्षेत्र के भुतहियां, पिकौरा, अहिरौला, केवटलिया, मनकौरा, औदहीं कला, खैरहनियां, मानपुर, तालकुंडा, बढ़नी आदि की घोरही नदी में विसर्जित की गई। सभी क्षेत्रों में प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारी मय फोर्स उपस्थित रहे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.