एंबुलेंस बीमार, मरीजों का मत पूछिए हाल
जिले में मरीजों को बेहतर सुविधा देने का दावा स्वास्थ्य विभाग भले ही कर रहा हो मगर हकीकत कुछ और है। मरीजों को घर से लाने और ले जाने के लिए लगी एंबुलेंस सेवा बीमार हो चुकी है। ऐसे में मरीजों का क्या हाल होगा सहज अंदाजा लगाया जा सकता है। यह कब रास्ते में खराब होकर खड़ी हो जाय कहा नहीं जा सकता
सिद्धार्थनगर : जिले में मरीजों को बेहतर सुविधा देने का दावा स्वास्थ्य विभाग भले ही कर रहा हो, मगर हकीकत कुछ और है। मरीजों को घर से लाने और ले जाने के लिए लगी एंबुलेंस सेवा बीमार हो चुकी है। ऐसे में मरीजों का क्या हाल होगा सहज अंदाजा लगाया जा सकता है। यह कब रास्ते में खराब होकर खड़ी हो जाय, कहा नहीं जा सकता है। जिले में मरीजों को सेवा देने के लिए 108 की 20, 102 की 30 एंबुलेंस हैं। चार एंबुलेंस लाइफ सपोर्ट सिस्टम से लैस है। इनमें करीब एक दर्जन एम्बुलेंस चलने योग्य नहीं हैं। फिर भी इसे चलाया जा रहा है।
कागजों में सभी एंबुलेंस चकाचक हैं। जबकि हकीकत इसके उलट है। बर्डपुर नंबर आठ के महजिदिया निवासी कौशिल्या गर्भवती हैं। मंगलवार को अचानक उनके पेट में दर्द होने लगा। परिजनों ने फोन कर एंबुलेंस मंगवाया। मरीज को जब एंबुलेंस में लिटाया गया और उसे लेकर जाना हुआ तो एंबुलेंस चालू ही नहीं हुई। ड्राइवर ने इंजन चालू करने का भरसक प्रयास किया, बावजूद वह स्टार्ट नहीं हुई। काफी देर तक जब एम्बुलेंस चालू होने पर मरीज के साथ परिजन भी परेशान हुए। परिजनों ने आसपास से करीब आधा दर्जन लोगों को बुलाकर धक्का मार कर वाहन को चालू कराया। एक एक बानगी मात्र है। ऐसी ही हालत में कई एंबुलेंस विभाग के पास हैं।
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क्या कहते हैं जिम्मेदार
मरीजों को बेहतर सुविधा देने के लिए विभाग तत्पर है। एंबुलेंस खराब होने की जानकारी नहीं है। पता कराते हैं। जिसमें खामियां मिलेगी उसे दूर कराने के लिए कंपनी को लिखा जाएगा।
डॉ आरके मिश्रा, सीएमओ