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अधर में चिकित्सालय का निर्माण, जिम्मेदार बेफिक्र

राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालय रसूलपुर की स्थापना दो दशक पूर्व हुई थी। तभी से अस्पताल किराए के भवन में संचालित हो रहा है। दो वर्ष पूर्व चिकित्सालय भवन का निर्माण कार्य बीच में ही छोड़ ठेकेदार गायब है। जिससे स्वयं के भवन की आस पूरी नहीं हो पा रही

By JagranEdited By: Published: Fri, 11 Jan 2019 10:53 PM (IST)Updated: Fri, 11 Jan 2019 10:53 PM (IST)
अधर में चिकित्सालय का 
निर्माण, जिम्मेदार बेफिक्र
अधर में चिकित्सालय का निर्माण, जिम्मेदार बेफिक्र

सिद्धार्थनगर : राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालय रसूलपुर की स्थापना दो दशक पूर्व हुई थी। तभी से अस्पताल किराए के भवन में संचालित हो रहा है। दो वर्ष पूर्व चिकित्सालय भवन का निर्माण कार्य बीच में ही छोड़ ठेकेदार गायब है। जिससे स्वयं के भवन की आस पूरी नहीं हो पा रही है।

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वर्ष 1998 में होम्योपैथिक चिकित्सालय खुला। कुछ वर्ष अस्पताल तो गांव में किराए के मकान में चला। तालमेल में कमी के चलते मकान मालिक ने खाली करा दिया। इसके बाद कूड़ी ग्राम पंचायत में किराए के भवन में संचालित होने लगा। दो साल पहले विभाग को अपने भवन के लिए एमएसडीटी योजना के तहत निर्माण कराने के लिए 18 लाख की स्वीकृति शासन से मिली। पिछले नौ महीने से कार्य ठप है। लेकिन इसका कोई पुरसाहाल नहीं है। कमलेश चौरसिया, ध्रुवचंद्र, राम रूप गौतम, महेश, हीरालाल, •ाहीर अहमद, उपेंद्र कुमार आदि ने अपूर्ण भवन को अविलंब पूर्ण कराने की मांग की है। इस संबंध में अवर अभियंता सीएनडीएस पंकज ¨सह का कहना है कि भवन निर्माण के लिए बजट दो किश्तों में नौ-नौ लाख रुपये जारी होना था। पहली किश्त में मिली धनराशि का उपयोग हो चुका है। दूसरी किश्त अभी न मिलने से निर्माण रुका हुआ है। लिखा-पढ़ी की जा रही है। जैसे ही पैसा मिल जाता है भवन पूर्ण कराकर विभाग को हैंडओवर कर दिया जाएगा।


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