बेसहारा पशु व नील गायों से अन्नदाता तबाह
क्षेत्र के अन्नदाता बेसहारा पशुओं व नीलगायों समेत जंगली सुअर की धमा चौकड़ी से तबाह हो रहे हैं। तैयार हो रही मटर सरसो गेहूं की फसलों में पशुओं के झुंड पहुंच रहे हैं जो चरने से अधिक रौंद कर फसल को बर्बाद कर दे रहे हैं। जिससे किसान हलकान हैं। तहसील प्रशासन चैन की नींद सो रहा
सिद्धार्थनगर : क्षेत्र के अन्नदाता बेसहारा पशुओं व नीलगायों समेत जंगली सुअर की धमा चौकड़ी से तबाह हो रहे हैं। तैयार हो रही मटर, सरसो, गेहूं की फसलों में पशुओं के झुंड पहुंच रहे हैं, जो चरने से अधिक रौंद कर फसल को बर्बाद कर दे रहे हैं। जिससे किसान हलकान हैं। तहसील प्रशासन चैन की नींद सो रहा है। जिससे क्षेत्रीय गावों के किसानों में आक्रोश व्याप्त है ।
क्षेत्र के रसूलपुर, असनहरा, कुसहटा, उपधीखुर्द, औराताल, सेखुई, परसा हुसैन, टिकरिया, औराताल, जिमड़ी, भलुवाही, महोखवा, कुंडी, परसा, सेखुई, मल्हवार, जिमड़ी, संगवार, तुरकौलिया आदि गांवों के किसानों को दोहरी मार का सामना करना पड़ रहा है। पिछले माह हुई असमय बारिश से जहां दलहन- तिलहन की फसलें पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा तो थोड़ा असर गेहूं की फसल पर भी हुआ। इधर जब गेहूं की फसल में वृद्धि होकर बालियां आनी लगी तो बेसहारा गायों के झुंड व नील गायों का आतंक किसानों की तबाही का कारण बन रहा है। हालत यह है झुंड में दर्जनों गोवंश होने के कारण किसान बिना डंडे के इनके करीब जाने हिम्मत नहीं जुटा सकते, क्योंकि अकेला देख गायों के झुंड में शामिल सांड हमले के लिए भी दौड़ा देते हैं और रात में नील गायों व जंगली सुअरों का आतंक है। शकील अहमद, राम तीर्थ, उमाकांत चौधरी, मुक्तेश्वर प्रसाद, हीरा लाल, गणेश कुमार, अशफाकुल्लाह, नीरज त्रिपाठी, अंबुज अग्रहरि आदि किसानों ने समस्या से निदान की मांग की है। एसडीएम त्रिभुवन ने कहा कि नपं की गोशाला तैयार हो रही है। शीघ्र समस्या से निजात का प्रयास किया जाएगा।