अभिशाप बनी बारिश, अन्नदाता हलकान
जनवरी की शुरुआत में हुई बारिश ने अन्नदाताओं को सिचाई से राहत दी लेकिन अब रुक रुक कर हो रही बारिश सभी फसलों के लिए अभिशाप बनती जा रही है। किसानों के माथे पर चिता की लकीरें हैं। दलहनतिलहन व आलू की फसल पर बारिश का प्रतिकूल प्रभाव अभी से दिखने लगा
सिद्धार्थनगर : जनवरी की शुरुआत में हुई बारिश ने अन्नदाताओं को सिचाई से राहत दी, लेकिन अब रुक रुक कर हो रही बारिश सभी फसलों के लिए अभिशाप बनती जा रही है। किसानों के माथे पर चिता की लकीरें हैं। दलहन,तिलहन व आलू की फसल पर बारिश का प्रतिकूल प्रभाव अभी से दिखने लगा है। जल-जमाव वाले खेतों की फसल पीली पड़ने लगी है। किसानों की मानें तो उत्पादन प्रभावित होगा।
बुधवार देर शाम शुरू हुई बारिश शुक्रवार को भी पूरे दिन रुक रुक कर जारी रही। जिससे सिवानों के निचले भाग के खेतों जलमग्न हो गए हैं। गुरुवार की शाम व रात में तेज हवा के संग हुई बारिश से जहां सरसो की फसल लगभग पूरी तरह से गिर गई है। वहीं आलू के खेतों में मेड़ों के बीच जलजमाव हो गया है। मटर व चने के खेतों में पानी भर गया है। सबसे अधिक नुकसान उन किसानों को है जिन्होंने बारिश से पूर्व गेहूं के खेतों की सिचाई कर दी। अब उन खेतों में जलजमाव हो गया और गेहूं की फसलें पीली पड़ने लगी हैं। राम धीरज, मुस्त़फा खान, अमीरुल्लाह, मुनिराम, उमेश चौधरी, विनोद पांडे,हरि राम,अनुज कुमार आदि किसानों ने कहा लगातार हो रही बारिश अब सभी फसलों के लिए नुकसान देह बन रही है। यदि यही हाल रहा तो तिलहन दलहन व आलू की पैदावार काफी प्रभावित होगी।