गन्ने की फसल में लगने वाले कीट से सतर्क रहें किसान
कृषि विज्ञान केंद्र सोहना पर दो दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित किया गया। क्षेत्रीय किसानों को योजनाओं के बारे में जानकारी दी गई। कृषि वैज्ञानिकों द्वारा किसानों को गन्ने की फसल में लगने वाले कीट के प्रति जागरूक रहने हेतु आह्वान किया गया।
सिद्धार्थनगर :कृषि विज्ञान केंद्र सोहना पर दो दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित किया गया। क्षेत्रीय किसानों को योजनाओं के बारे में जानकारी दी गई। कृषि वैज्ञानिकों द्वारा किसानों को गन्ने की फसल में लगने वाले कीट के प्रति जागरूक रहने हेतु आह्वान किया गया।
कृषि वैज्ञानिक फसल सुरक्षा डॉ प्रदीप कुमार ने गन्ने में लगने वाले कीट व रोग जैसे गन्ना का चोटी बेधक कीट, मिलीबग, शूट बोरर ग्रासापर, दीमक और रोग में पीला धब्बा रोग, गन्ने का लाल सड़न के लक्षणों को बताते हुए उसका जैविक निदान और रसायनिक उपचार पर चर्चा की।
डॉ शेष नारायण सिंह ने कहा कि किसान जैव उर्वरक एवं वर्मी कंपोस्ट गन्ने की खेत में बोआई से पहले मिलाएं। इससे उर्वरा शक्ति के साथ उत्पादन में बढ़ोतरी होगी। डॉ एल सी वर्मा ने कहा कि किसान, गन्ने के साथ शरदकालीन में गेहूं, मटर, आलू, लाही, राई, प्याज, मसूर, धनिया, लहसुन मूली, शलजम, बसंतकालीन में उड़द, मूंग, भिडी आदि की खेती करते हैं तो आमदनी में निश्चित ही बढ़ोत्तरी होगी।
डॉ डीपी सिंह ने गन्ने में रिक्त स्थानों में पहले से अंकुरित गन्ने के पेड़ों से गैप फिलिग पर प्रकाश डाला, तो गन्ना विभाग के गन्ना पर्यवेक्षक / प्रचार रवि प्रताप त्रिपाठी ने गन्ना विकास विभाग व राष्ट्रीय कृषि विकास में चल रही योजनाओं के बारे में बताया। डॉ एस के मिश्रा ने गन्ने में जल संरक्षण व खरपतवार नियंत्रण के बारे में किसान को जागरूक किया। विजय कुमार, माता प्रसाद, तुलाराम, आनंद त्रिपाठी, दिनेश चंद्र, विनोद चौधरी, सुनील, हितलाल चौधरी आदि उपस्थित रहे।