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जिम्मेदार लगा रहे सरकार के महत्वपूर्ण प्रयासों पर विराम

सिद्धार्थनगर: सरकार आम जनता को लाभ पहुंचाने के लिए जन कल्याणकारी योजनाएं संचालित कर रही

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Sep 2018 12:10 AM (IST)Updated: Wed, 19 Sep 2018 12:10 AM (IST)
जिम्मेदार लगा रहे सरकार के महत्वपूर्ण प्रयासों पर विराम
जिम्मेदार लगा रहे सरकार के महत्वपूर्ण प्रयासों पर विराम

सिद्धार्थनगर: सरकार आम जनता को लाभ पहुंचाने के लिए जन कल्याणकारी योजनाएं संचालित कर रही है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों की उदासीनता से योजनाओं का लाभ जनता तक नहीं पहुंच पा रहा। सप्ताह भर से जिले में दिल्ली के चिकित्सकों की टीम आरवीवाई एवं एडिप योजना के तहत तहसीलों में कैंप लगाकर दिव्यांगजनों की जांच पड़ताल कर रही है। जिसके आधार पर उन्हें जरूरी उपकरण मुहैया हो सकें, लेकिन प्रचार प्रसार के अभाव में कैंप में सिर्फ गिने चुने ही लोग पहुंच रहे है। मंगलवार को इटवा तहसील में लगाए गए कैंप में सिर्फ पांच मरीजों का पंजीयन कर उनकी दिव्यांगता जांची गई।

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केंद्र सरकार दिव्यांगजनों को आवश्यक उपकरण मुहैया कराने के लिए हर जिले में दिव्यांगजनों का जांच पड़ताल इस लिए करवा रही है कि उन्हें जरूरत के मुताबिक आवश्यक उपकरण मुहैया हो सकें। सप्ताह भर से दिल्ली के चिकित्सकों का दल राष्ट्रीय वायोश्री व एडिप योजना के तहत साठ वर्ष के लोगों व दिव्यांगजनों के परीक्षण में जुटी है। सरकार यह एक महत्वपूर्ण प्रयास जिम्मेदार अधिकारियों की उदासीनता और जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा के चलते सिमट कर रह गया। हालात यह रहे कि टीम ने दो तहसीलों में कैंप लगाने से मना कर दिया क्योंकि उनके कैंप में लोग ही नहीं पहुंच रहे। टीम ने पहला कैंप नौगढ़ तहसील में लगाया जहां सिर्फ इक्कीस मरीज ही पहुंचे। सत्रह सितंबर को बांसी तहसील में कैंप लगा और वहां 15 लोग ही परीक्षण को पहुंचे। इटवा में तो हद दर्जे की उदासीनता दिखी और यहां सिर्फ पांच लोग ही इलाज व उपकरण प्राप्त करने का रजिस्ट्रेशन कराने पहुंचे। जबकि टीम में हड्डी रोग विशेषज्ञ से लेकर दंत चिकित्सक, आई स्पेशलिस्ट तक मौजूद हैं। एलिमको की ओर से पहुंची टीम के प्रमुख डा. अजय ¨सह ने बताया कि यह जिला पिछड़े जिलों की श्रेणी में शामिल है जिसके चलते यहां के लोगों के लिए विशेष योजनाएं चल रही हैं, लेकिन जिला दिव्यांगजन विकास अधिकारी अनूप ¨सह व जनप्रतिनिधियों के उदासीनता के चलते बेहतर परिणाम नहीं दिखा, क्योंकि कैंप में आने वाले लोगों की संख्या गिनी चुनी रह गई। प्रचार प्रसार के अभाव में बेहतर परिणाम न मिलता देख टीम ने शोहरतगढ़ व डुमरियागंज में लगने वाले कैंप को रद्द कर दिया है। अजय ¨सह ने कहा कि जो असहयोग यहां मिला उसकी रिपोर्टिंग आगे की जाएगी और प्राप्त निर्देश के तहत आगे काम होगा। टीम में डा.पंकज आनंद, डा. विनीत पांडेय, डा. उमाकांत, डा. अंकित पांडेय, डा. गौरव शर्मा, डा. मोहित आदि मौजूद रहे।


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