सिद्धार्थनगर, जागरण संवाददाता। विद्युत अभियंता व कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने से प्राइवेट लाइनमैनों का भी रसूख बढ़ गया है। अधिकारी उनका बड़े अधिकारी जैसा सत्कार करने लगे हैं। उन्हें कहीं दावत दी जा रही है तो किसी को पटाने के लिए महंगी शराब दी जा रही है। प्रशासन उन्हें रिझाने के लिए हर हथकंडे अपना रहा है कि किसी तरह से इस बड़ी चुनौती से निपटा जाए। यहां तक कि इस मुसीबत की घड़ी में उनके सुझावों को किसी अधिशासी व अधीक्षण अभियंता से कम महत्व नहीं दिया जा रहा है।
फाल्ट की समस्या के समाधान के लिए इनती लगी ड्यूटी
विद्युत फाल्ट की समस्या के निराकरण के लिए जिला प्रशासन ने आइटीआइ व पॉलीटेक्निक में पढ़ने वाले छात्रों को लगाया है, लेकिन अनुभव न होने के कारण वह समस्या निस्तारित करने में विफल साबित हो रहे हैं। ऐसे में जिला प्रशासन प्राइवेट लाइनमैनों की आवभगत में लगा है। तमाम स्थानों पर समस्या निराकरण के लिए उनसे सहयोग लिया जा रहा है। उनके निर्देश पर आइटीआइ व पॉलीटेक्निक के छात्र काम कर रहे हैं। इन प्राइवेट लाइनमैनों की आवाभगत में अधिकारी कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
होटलों में दी गई दावत
शुक्रवार की रात जिला मुख्यालय के कई होटलों में प्राइवेट लाइनमैनों को दावत दी गई। इसमें तहसील स्तर के कई अधिकारी उनके लिए भोजन का प्रबंध करते देखे गए। उनके आतिथ्य को लेकर वह बार-बार यह पूछते रहे कि कहीं कोई कमी तो नहीं रह जा रही है और उसके साथ-साथ यह भी निवेदन करते रहे कि रात में लगकर वह समस्या का निराकरण कराएं। यह स्थिति कई जगहों की है। कुछ स्थानों पर इससे फाल्ट ठीक करने में जिला प्रशासन को मदद भी मिली है।
व्यवस्था सुधार के लिए पशुधन प्रसार अधिकारियों व लेखपालों की भी लगी है ड्यूटी
विद्युत आपूर्ति की स्थिति में सुधार हो इसके लिए जिला प्रशासन ने जिले के पशुधन प्रसार अधिकारियों व लेखपालों की भी फीडरों पर ड्यूटी लगा दी है। सभी को जिम्मेदारी दी गई है कि वह फाल्ट होने पर तत्काल तकनीकी रूप से दक्ष कर्मचारियों के माध्यम से काम कराएं।
विद्युत फाल्ट की समस्या बढ़ती देख जिला प्रशासन ने जिले के अधिकांश अधिकारी व कर्मचारियों ड्यूटी व्यवस्था सुधार के लिए लगा दी है। शनिवार को जिले के सभी पशुधन प्रसार अधिकारियों को जिम्मेदारी दे दी गई कि वह एक-एक फीडर को अपने चार्ज में ले लें। उनके साथ प्रत्येक फीडर सिंचाई व लोक निर्माण विभाग के एक-एक जेई को भी लगाया गया है।
कुछ पशुधन प्रसार अधिकारियों ने बताया कि लोक निर्माण विभाग व सिंचाई विभाग के जेई को तकनीकी रूप से दक्ष होने के कारण लगाया गया है, लेकिन वह इतने पारंगत नहीं हैं कि वह फाल्ट ठीक करके आपूर्ति को बहाल कर सकें। ऐसे में जो लोग फीडर पर समस्या दूर करने के लिए पहुंच रहे हैं, उन्हें समझा-बुझाकर वापस भेजा रहा है। इसके अलावा वर्ल्ड सर्विस क्लास के कुछ इंजीनियरों की ड्यूटी लगाई गई है। उनसे भी मदद ली जा रही है, लेकिन समस्या के समक्ष उनकी मदद भी नाकाफी है।