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पुलिस मुख्यालय ने मांगी प्रगति रिपोर्ट, विभाग मौन

इटवा थाना से गायब एके 47 के संबंध में पुलिस मुख्यालय ने पूछताछ शुरू कर दी है। सोमवार देर रात एके 47 की खोज की प्रगति रिपोर्ट मांगी है। आरोपित पुलिस कर्मियों के लाइ डिटेक्टर (झूठ पकड़ने वाली मशीन) से जांच के संबंध में जानकारी मांगी है। एक 47 को गायब हुए सात माह बीत गए हैं लेकिन पुलिस अभी तक तह तक नहीं पहुंच सकी

By JagranEdited By: Published: Tue, 24 Sep 2019 10:57 PM (IST)Updated: Tue, 24 Sep 2019 10:57 PM (IST)
पुलिस मुख्यालय ने मांगी प्रगति रिपोर्ट, विभाग मौन
पुलिस मुख्यालय ने मांगी प्रगति रिपोर्ट, विभाग मौन

सिद्धार्थनगर : इटवा थाना से गायब एके 47 के संबंध में पुलिस मुख्यालय ने पूछताछ शुरू कर दी है। सोमवार देर रात एके 47 की खोज की प्रगति रिपोर्ट मांगी है। आरोपित पुलिस कर्मियों के लाइ डिटेक्टर (झूठ पकड़ने वाली मशीन) से जांच के संबंध में जानकारी मांगी है। एक 47 को गायब हुए सात माह बीत गए हैं, लेकिन पुलिस अभी तक तह तक नहीं पहुंच सकी है। तत्कालीन एसओ समेत पांच कर्मियों को गिरफ्तार भी किया गया, लेकिन सच सामने नहीं आ सका। पुलिस को अभी तक यह नहीं मालूम चल सका हैं कि एके 47 कहां से गायब हुई थी। इसी एक सवाल की खोज में सभी हैं। तत्कालीन थानाध्यक्ष समेत चार पुलिस कर्मियों के जमानत पर छूट चुके हैं, लेकिन पुलिस अभी तक मौन है।

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तीन फरवरी की रात इटवा थाना के लिए आवंटित एके 47 गायब हो गई थी। चार फरवरी को हथियार गायब होने की सूचना अधिकारियों को मिली। इसकी जानकारी मिलते ही विभाग में हड़कंप मच गया। कई थानेदारों की टीम बना उन्हें खोज में लगाया गया। पुलिस ने इटवा कस्बा और आसपास के क्षेत्रों में सघन चेकिग अभियान भी चलाया था। दूसरे दिन पांच फरवरी को पुलिस अधिकारियों ने थाने में तैनात कर्मियों से पूछताछ शुरू की। कुछ ने एके 47 की रवानगी आमद नहीं होना बताया तो कुछ कर्मियों ने मालखाना से चोरी होना कहा था। अधिकारियों की उलझन बढ़ गई। उन्हें सच नहीं मालूम चल सका।

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पुलिस मुख्यालय ने मांगी सूचना

पुलिस अधीक्षक पुलिस मुख्यालय सोमन वर्मा ने तीन बिदुओं पर सवाल किए है। पूछा है कि एके 47 की खोज में पुलिस अभी तक कहां पहुंची है? जांच में देरी होने का क्या कारण है? पांचों आरोपित पुलिस कर्मियों के झूठ पकड़ने के लिए लाइ डिटेक्टर जांच क्यों नहीं कराई गई है?

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एके 47 मामले में आरोपितों को लाइ डिटेक्टर मशीन से गुजारने की योजना तैयार की गई है। पुलिस को सच्चाई की तह तक जाना है, इस मशीन से जांच कराने के बाद झूठ से पर्दा उठने की संभावना है। शासन को प्रगति से समय-समय पर अवगत कराया जाता है।

डा. धर्मवीर सिंह, पुलिस अधीक्षक


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