Move to Jagran APP

टीकाकरण के साथ नियमों का अनुपालन जरूरी

कोरोना से बचने के लिए वैक्सीनेशन अनिवार्य है। इसी की मदद से लोग सुरक्षित रह सकते हैं। कोविड गाइडलाइन का पालन कर दूसरों को सुरक्षित रख सकते हैं। इसलिए टीकाकरण जरूर कराएं और लोगों को प्रेरित भी करें। सीओ केडी सिंह ने कहा कि पिछले वर्ष की अपेक्षा इस बार संक्रमण की रफ्तार तेज है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 11 May 2021 11:44 PM (IST)Updated: Tue, 11 May 2021 11:44 PM (IST)
टीकाकरण के साथ नियमों का अनुपालन जरूरी
टीकाकरण के साथ नियमों का अनुपालन जरूरी

सिद्धार्थनगर : कोरोना से बचने के लिए वैक्सीनेशन अनिवार्य है। इसी की मदद से लोग सुरक्षित रह सकते हैं। कोविड गाइडलाइन का पालन कर दूसरों को सुरक्षित रख सकते हैं। इसलिए टीकाकरण जरूर कराएं और लोगों को प्रेरित भी करें। सीओ केडी सिंह ने कहा कि पिछले वर्ष की अपेक्षा इस बार संक्रमण की रफ्तार तेज है। हमने बिना दवा के पिछली बार सिर्फ धैर्य व एहतियात के बल पर कोरोना को हराया। इस बार हमारे देश में वैक्सीन है, इसलिए कोरोना कुछ नहीं बिगाड़ सकता। बीमारी से बचने के लिए हमने अप्रैल माह में वैक्सीन लगवा ली है। 18 वर्ष की आयु से ऊपर के जितने लोग हैं, यथाशीघ्र टीकाकरण करवा लें और दूसरों को भी प्रेरित करें। प्रशासन की ओर से दिए जा रहे निर्देशों का पालन करें। घर पर रहें और मास्क का प्रयोग बाहर निकलने पर जरूर करें।

loksabha election banner

डा. अरुण द्विवेदी ने कहा कि बीमारी से बचने का इकलौता तरीका है कि हम अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंचकर कोविड का टीका लगवाएं। एहतियात बरतते हुए सिर्फ सकारात्मक विचार करें। हमने 15 दिन पहले वैक्सीनेशन कराया है, यह पूरी तरह सुरक्षित है। टीकाकरण के बाद भी लापरवाही भारी पड़ सकती है। इसलिए जबतक खतरा टले नहीं तब तक कोविड गाइडलाइन का अनुपालन करें। खुद मास्क लगाएं और बिना मास्क वालों को टोकने की आदत डालें। खान- पान पर विशेष ध्यान दें। योग करना इस दरम्यान फायदेमंद हो सकता है। खौफ को नहीं होने दिया हावी तो हार गया कोरोना सिद्धार्थनगर : हौसला व हिम्मत हो तो कोविड रूपी महामारी से जंग जीती जा सकती है। खौफ को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया, परिणाम यह रहा कि कोरोना को पराजित होना पड़ेगा। यह कर दिखाया है सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र इटवा में तैनात लैब टेक्नीशियन (एलटी) अमित कुमार मिश्रा ने।

कोविड संक्रमण के दौर में लगातार अस्पताल में ड्यूटी को अंजाम देते रहे। पूरा-पूरा दिन जांच में लगे रहे। होम आइसोलेट में रह रहे संक्रमितों की भी निगरानी में जाते रहे। इस बीच उन्होंने 16 अप्रैल को आरटीपीसीआर जांच के लिए खुद के नमूने को भिजवाया। 20 तारीख को रिपोर्ट आई, जिसमें वह पाजिटिव पाए गए। तुरंत अस्पताल स्थित आवास में क्वारंटाइन हो गए। पास में पल्स आक्सीमीटर व थर्मा मीटर रखा। दिन में कई-कई बार चेक करते रहे। स्वास्थ्य विभाग की ओर से दी गई दवा को खाया। काढ़ा का सेवन किया। पूरी तरह से मनोबल को बनाए रखा, डर को खुद पे हावी नहीं होने दिया। नतीजा यह रहा कि कोरोना हार गया। अब पूरी तरह से स्वस्थ हैं और अस्पताल में ड्यूटी को अंजाम देने लगे हैं। किसी व्यक्ति की रिपोर्ट पाजिटिव आती है तो उसे हिम्मत नहीं हारना चाहिए। खुद को होम क्वारंटाइन करते हुए स्वास्थ्य विभाग की ओर से दी जाने वाली गाइडलाइन का पालन करना चाहिए। लक्षण दिखे अथवा तबीयत खराब हो तो घर के बजाए अस्पताल में आइसोलेट कर लेना चाहिए। निश्चित ही कोरोना को हार जाना पड़ेगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.