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सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को है सुविधाओं का इंतजार

बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र की जीवन रेखा समझे जाने वाली सीएचसी सिरसिया को सुविधाओं से पूरी तरह लैस होने का इंतजार है। कोविड की तीसरी लहर को लेकर जहां बचों पर गंभीर खतरा बताया जा रहा है। वहीं यहां उनके लिए सिर्फ चार बेड पीकू वार्ड ही संचालित है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 Oct 2021 11:13 PM (IST)Updated: Fri, 22 Oct 2021 11:13 PM (IST)
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को है सुविधाओं का इंतजार
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को है सुविधाओं का इंतजार

सिद्धार्थनगर : बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र की जीवन रेखा समझे जाने वाली सीएचसी सिरसिया को सुविधाओं से पूरी तरह लैस होने का इंतजार है। कोविड की तीसरी लहर को लेकर जहां बच्चों पर गंभीर खतरा बताया जा रहा है। वहीं यहां उनके लिए सिर्फ चार बेड पीकू वार्ड ही संचालित है। डा. पीएस पटेल व डा. वेद प्रकाश के सहारे यहां की ओपीडी जैसे-तैसे संचालित होती है। इन दिनों अधिकतर मरीज वायरल फीवर, जोड़ों के दर्द व पेट से संबंधित बीमारियों से ग्रसित मिल रहे हैं। अस्पताल में बाल रोग विशेषज्ञ व महिला चिकित्सक की दरकार है। तमाम लिखा पढ़ी के बावजूद अब तक व्यवस्था नही हुई है।

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कोविड के दूसरी लहर में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी जगजाहिर हुई। आक्सीजन की कमी से लोग अस्पताल में तडप़ते रहे। यहां की स्थित ऐसी थी चिकित्सक मरीजों को भर्ती ही नहीं करते थे। समय से भर्ती न होने के कारण यहां एक महिला की मौत भी हुई। जिसपर ग्रामीणों ने हंगामा किया था। तीसरी लहर के मद्देनजर अभी भी तैयारी अधूरी है। बच्चों पर खतरा बताया जा रहा है, जबकि यहां विशेषज्ञ की तैनाती तो छोड़िए तैनात चिकित्सकों का प्रशिक्षण तक नहीं हुआ। सीएचसी होने के बाद भी यहां अल्ट्रासाउंड और एक्सरे मशीन का अभाव है। एक्सरे टेक्नीशियन की नियुक्ति जरूर है, लेकिन मशीन न होने के कारण उनका दर्शन दुर्लभ है। बच्चों के लिए चार बेड का विशेष पीकू वार्ड बनाया गया है। जबकि ब्लाक क्षेत्र के लगभग 40 हजार बच्चों के सेहत का जिम्मा इसी सीएचसी पर है। प्लांट तो नही है लेकिन दो सिलेण्डर व एक कंसंट्रेटर तथा बड़ा नेबुलाइजर उपलब्ध है। शुद्ध पेयजल के लिए मात्र दो हैंडपंप लगे हैं जो दूषित जल दे रहे हैं। शौचालय की व्यवस्था सिर्फ मरीजों तक सीमित है तीमारदारों को बाहर जाना पड़ता है।

क्या कहते हैं जिम्मेदार -

सीएचसी अधीक्षक शैलेंद्र मणि ओझा ने कहा बाल व महिला रोग विशेषज्ञ की तैनाती के लिए मांग की गई है। पीकू वार्ड में बेड की संख्या बढ़ाई जाएगी। जांच के लिए मशीनों की मांग की गई है।


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