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एक साथ बंद हुए थे चार करीबियों के मोबाइल

कुमार मनोज उर्फ मनोज कुमार हत्याकांड में पुलिस घटना के तह में पहुंच गई है। सभी तार-तार से जुड़ने लगे हैं। प्रथम दृष्टया जो कहानी सामने आ रही है उसमें घटना का कारण अवैध संबंध मिल रहा है। जांच में चार संदिग्ध चेहरे दिखने लगे हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 May 2021 11:09 PM (IST)Updated: Wed, 12 May 2021 11:09 PM (IST)
एक साथ बंद हुए थे चार करीबियों के मोबाइल
एक साथ बंद हुए थे चार करीबियों के मोबाइल

सिद्धार्थनगर : कुमार मनोज उर्फ मनोज कुमार हत्याकांड में पुलिस घटना के तह में पहुंच गई है। सभी तार-तार से जुड़ने लगे हैं। प्रथम दृष्टया जो कहानी सामने आ रही है, उसमें घटना का कारण अवैध संबंध मिल रहा है। जांच में चार संदिग्ध चेहरे दिखने लगे हैं। यह सभी करीबी भी थे। संभव है कि भोजन भी इन्हीं के लिए रखा गया था। इनमें एक महिला के भी शामिल होने की शंका जताई जा रही है। पुलिस ने इन सभी को पूछताछ के लिए बुलाया है। घटना के बाद करीबियों के मोबाइल करीब नौ घंटे तक बंद रहे।

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पुलिस की जांच में परत दर परत खुलने लगी है। कुमार मनोज के अति नजदीकी ने रात करीब आठ बजे चिल्हिया थाना क्षेत्र निवासी एक व्यक्ति को फोन किया था। करीब डेढ़ मिनट बात हुई। इस नजदीकी ने कांशीराम आवासीय कालोनी के पास से फोन किया था। इसके पांच मिनट बाद चिल्हिया के संदिग्ध ने जोगिया थाना क्षेत्र के एक अन्य व्यक्ति को फोन लगाया। इन तीनों से लगातार सदर थाना क्षेत्र के एक गांव से संपर्क बना था। चौथा शख्स अपनी जगह से नहीं हिला था। इससे संभावना व्यक्त की जा रही है कि यह मास्टरमाइंड कोई महिला हो सकती है। रात करीब साढ़े नौ बजे इन तीनों का लोकेशन सदर थाना क्षेत्र के दंतरंगवा में मिला। दंतरंगवा से घटनास्थल की दूरी एक किमी है। इसी के बाद इन चारों का मोबाइल बंद हो गया। जो दूसरे दिन सुबह करीब सात बजे आन हुआ।

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पार्टी में रहती थी कलेक्ट्रेट के बाबू की मौजूदगी

मनोज कुमार कांशीराम आवासीय कालोनी के जिस अर्धनिर्मित फ्लैट में रहता था, उसका आवंटन नहीं हुआ है। इस फ्लैट को उसने गोदाम का स्वरूप दे दिया था। एक प्राइवेट चौकीदार भी रखा था। इस फ्लैट में रोजाना पार्टी होती थी। इस पार्टी में उसके नजदीकी शामिल होते थे। इन नजदीकी में कलेक्ट्रेट का बाबू भी शामिल रहा। लोगों का कहना है कि बाबू का वरदहस्त होने के कारण वह अर्धनिर्मित फ्लैट का कब्जेदार बना था। एएसपी सुरेश चंद्र रावत ने बताया कि सदर थाना व एसओजी टीम मामले की जांच में लगी है। सर्विलांस टीम को भी लगाया गया है। सभी बिदुओं को ध्यान में रखते हुए पुलिस तफ्तीश में जुटी है। धीरे-धीरे तस्वीर साफ होने लगी है। जल्द ही हत्या का पर्दाफाश किया जाएगा।

अवैध कब्जे की शिकायत सिद्धार्थनगर : तहसील अन्तर्गत ग्राम जिगनिया निवासी रामपाल शुक्ल ने तहसील प्रशासन सहित जिलाधिकारी को भेजे शिकायती पत्र में ग्राम समाज की भूमि पर कब्जा करने संबंधित शिकायत की है। उन्होंने कहा कि गांव के ही दो लोग ग्राम सभा की जमीन पर मकान बना रहे हैं। सरकारी गड्ढे में गांव का पानी भरता था, जिसको पाट लेने से अब पानी सड़क पर बहने लगा है। ग्रामीणों के विरोध के बाद भी कब्जा नहीं रूक रहा है। शिकायतकर्ता ने इसकी जांच करने व कब्जे को रूकवाने की मांग की है। नायब तहसीलदार महेश कुमार ने कहा कि इस प्रकार का कोई शिकायती पत्र नहीं मिला हैं, हल्का लेखपाल से पता कराते हैं, फिर उस हिसाब से कार्यवाही की जाएगी।


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