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गन्ना भुगतान में देरी से मुसीबत में किसान

हाड़तोड़ मेहनत कर उगाई गई गन्ने की फसल को बेचने के बाद भी किसानों के हाथ खाली हैं। वजह चीनी मिलें किसानों का करोड़ों रुपये दबाए बैठी हैं। परेशान किसान न तो बैंक लिमिट का रिन्यूवल करा पा रहे हैं और न ही आगे की फसल की सिचाई गुड़ाई। हालात यह है कि नकदी फसल कही जाने वाली गन्ने की फसल से किसानों का मोह भंग होता जा रहा

By JagranEdited By: Published: Wed, 04 Mar 2020 11:36 PM (IST)Updated: Thu, 05 Mar 2020 06:05 AM (IST)
गन्ना भुगतान में देरी से मुसीबत में किसान

सिद्धार्थनगर : हाड़तोड़ मेहनत कर उगाई गई गन्ने की फसल को बेचने के बाद भी किसानों के हाथ खाली हैं। वजह चीनी मिलें किसानों का करोड़ों रुपये दबाए बैठी हैं। परेशान किसान न तो बैंक लिमिट का रिन्यूवल करा पा रहे हैं और न ही आगे की फसल की सिचाई, गुड़ाई। हालात यह है कि नकदी फसल कही जाने वाली गन्ने की फसल से किसानों का मोह भंग होता जा रहा है।

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क्षेत्र गन्ने के बेहतर उत्पादन के लिए जाना जाता है। यहां के किसान ज्यादातर केवल गन्ने के फसल पर निर्भर रहते हैं, लेकिन नकदी फसल उधारी होती जा रही है। हालत यह है कि 14 दिन में भुगतान देने की बात करने वाली चीनी मिलें महीनों तक गन्ना किसानों के बकाए का भुगतान नहीं कर पा रही हैं। किसानों को गन्ने की अगली फसल बोने में दिक्कत आ रही है। समय से गन्ना बेचने के बाद भी उसका भुगतान नहीं मिलना किसानों की परेशानी का बड़ा कारण है। जो किसान केवल गन्ना फसल पर निर्भर रहते थे वह अब दूसरी फसल की ओर रुख कर रहे हैं। जिससे करीब पचास फीसदी गन्ने की फसल का रकबा घटा है।

मामला बजाज चीनी मिल अठदमा रूधौली का है। जिसका गन्ना क्रय केंद्र केवटली नानकार में स्थित है, मिल रेट 325 रुपये प्रति क्विटल है, वहीं क्रय केंद्र पर 316 रुपये प्रति क्विटल पर उपज ली जा रहा है। केवल इसी क्रय केंद्र की बात करें तो इस सत्र में अब तक 35 हजार क्विटल गन्ने की तौल हो चुकी है। जिसका मूल्य करीब 11 करोड़ 60 हजार रुपया हुआ, लेकिन भुगतान अभी तक किसानों को नहीं मिला।

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किसान बोले, हमारी भी सुनिए

हम करीब चौबीस बीघा में गन्ने की फसल उगाते हैं। हमारी मुख्य खेती गन्ना है इस सत्र का करीब ढाई लाख रुपये का भुगतान अभी तक चीनी मिल ने नहीं मिला। जिससे इस बार केवल दो बीघा गन्ने की बुआई करूंगा और 13 बीघा पेड़ी रहेगा।

राम शंकर निवासी सागररौजा

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हमने दस बीघा गन्ने की बुआई की थी। जिसे सेंटर पर तौल भी करा रहे हैं, लेकिन अभी तक इस सत्र का करीब एक लाख रुपये का भुगतान नहीं मिला है। इस साल केवल पांच बीघा ही गन्ने की बोआई करूंगा।

प्रदीप कुमार निवासी चकमारूफ

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चौदह बीघा गन्ने की फसल थी। तौल कराने के बाद इस सत्र का करीब चार लाख रुपये का भुगतान नहीं मिला है। इस बार 11 बीघा ही गन्ना रहेगा।

सूर्यबली निवासी ढ़डुवा

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18 बीघा गन्ना था तौल करने के बाद अभी तक हमे उसका मूल्य करीब तीन लाख पचास हजार रुपया नहीं मिला। इस बार आठ बीघा ही बोआई होगी।

जसवंत कुमार निवासी तेनुहार

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अन्य किसान भी परेशान

राम सूरत 60 हजार, रामशंकर तेनुहार 1 लाख, रामशरण 10 लाख, रामलौटन 1 लाख, श्यामबली 50 हजार, प्रमोद चौधरी 6 लाख, चन्द्रभान 75 हजार, रामउजागिर 50 हजार, शेषराज का 5 लाख रुपये बकाया है।

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किसानों का भुगतान किया जा रहा है। जल्द ही सभी किसानों के बकाए का भुगतान कर दिया जाएगा।

अंजनी तिवारी, सीडीओ, बजाज शुगर मिल अठदमा


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